पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो की राजनीति में एंट्री हो गई है। आसिफा भुट्टो ने सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।

बता दें कि सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट से आसिफ अली जरदारी ने चुनाव जीता था। हालांकि, राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें यह सीट छोड़ दी थी।

पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी बनेंगी 'बेटी'

इससे पहले पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद आसिल अली जरदारी ने देश की फर्स्ट लेडी के रुप में अपनी बेटी के नाम की घोषणा की थी। यह पद पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति के पति या पत्नी के पास होता है, लेकिन जरदारी ने प्रथम महिला के रूप में आसिफा के नाम को औपचारिक मान्यता देने का फैसला किया है।

आसिफा ने दाखिल किया नामांकन

31 वर्षीय असीफा पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। हालांकि, उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष और उनके पिता जरदारी ने संसदीय राजनीति से दूर रखा। आसिफा ने सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले की एनए-207 निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए है। 21 अप्रैल को उपचुनाव होंगे और आसिफा का जीतना लगभग तय है।

आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई सीट

आसिफ अली जरदारी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी। बता दें कि आसिफा भुट्टो की तुलना अपनी मां से होती है। उनकी मां बेनजीर भुट्टो साल 2007 में रावलपिंडी में हुए एक बम विस्फोट में मारी गई थीं।