नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट (अफस्पा) हटाने पर विचार करेंगे। वहां मौजूद जवानों को वापस बुलाने का भी प्लान बनाया जा रहा है। इसके अलावा अमित शाह ने राज्य में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही है।
अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी अब सिर्फ पुलिस को सौंपने की तैयारी की है। पहले वहां की पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब पुलिस बड़े ऑपरेशन लीड कर रही है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के ओबीसी को मोदी सरकार ने रिजर्वेशन दिया। महिलाओं को भी हमारी सरकार ने एक तिहाई आरक्षण दिया है। पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी रिजर्वेशन की व्यवस्था भी की गई। हमने ही एससी और एसटी के लिए रिजर्वेशन की जगह बनाई है। हमने गुज्जर और बकरवाल समुदाय की हिस्सेदारी कम किए बिना पहाडय़िों को 10 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों को यहां बसाने के लिए हमने विशेष प्रावधान किए हैं। हमारी सरकार इन सुविधाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का प्रण लिया है।
अमित शाह ने कहा कि जब यहां आतंकवाद का दौर था, तब अब्दुल्ला इंग्लैंड के दौरे पर चले जाते थे। दोनों (अब्दुल्ला और महबूबा) को जम्मू कश्मीर के मुद्दों पर राय देने का कोई हक नहीं है। इन दोनों के कार्यकाल में बहुत फेक एनकाउंटर हुए थे। पिछले 5 साल में यहां एक भी फेक एनकाउंटर नहीं हुआ, बल्कि फेक एनकाउंटर में शामिल लोगों के खिलाफ स्नढ्ढक्र ही दर्ज हुई है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 12 संगठनों को बैन किया है, जिनके तार आतंकवाद से जुड़े थे। हमारी सरकार में टेरर फंडिंग से जुड़े 22 केस दर्ज किए गए हैं। 150 करोड़ की संपत्ति भी सीज की है। साथ ही 134 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए हैं।