साइबर फ्रॉड के कहने पर भोपाल के एक रिटायर जल संसाधन अधिकारी को बैंक और ओटीपी की जानकारी बताना मंहगा पड़ गया। जब तक वह कुछ समझ पाते आरोपी ने फास्ट टैग अपडेट कराने के नाम पर उनका और उनकी पत्नी का खाता खाली कर दिया। उनके खाते से करीब 2 लाख रुपए आरोपियों ने दूसरे खातों में जमा कर निकाल लिए।101 ए शाहपुरा निवासी 77 साल के ओमप्रकाश चौधरी जल संसाधन विभाग से अफसर के पद पर रिटायर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी और उनकी पत्नी की कार का फास्ट टैग खत्म हो गया था। उन्होंने उसे अपडेट कराने के लिए फास्ट टैग के कस्टमर केयर पर नंबर लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा। करीब 30 मिनट बाद उन्हें एक फोन आया।

आरोपी ने कहा कि वह फास्ट टैग से बोल रहा है। आपका फास्ट टैग खत्म हो गया है। उसे अपडेट करा दें। ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें धोखाधड़ी का जरा भी अंदाजा नहीं हुआ। आरोपी ने कहा कि जैसा-जैसा कहता हूं करते रहना। नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी। उसके बाद आरोपी ने एक के बाद उनके बैंक खाते और ओटी नंबर की जानकारी ली।

उन्होंने उसे पूरी जानकारी दे दी। कुछ मिनट बाद ही दूसरी फोन आया और उसने फिर ओटीपी नंबर पूछा। ऐसा करके उसने पांच फोन कर ओटीपी नंबर लिया। उन्होंने उससे कहा कि उनकी पत्नी का भी फास्ट टैग अपडेट कर दो। आरोपी ने उनसे उनकी पत्नी का भी नंबर और बैंक डिटेल ले ली। उसके बाद दो बार आए ओटीपी को पूछ लिया।

यह सब होने के बाद जब उन्होंने फोन चैक किया, तो उनके खाते से पांच बार में 1 लाख 9 हजार रुपए निकल चुके थे। इतना ही नहीं उनकी पत्नी के खाते से भी 25 हजार और 20 हजार रुपए दो बार में में खाते से निकल गए। आरोपी ने उनके दोनों खाते खाली कर दिए। दो दिन तक वे आरोपी के नंबर पर संपर्क करते रहे, लेकिन आरोपी का फोन बंद आए।

फोन पर बैंक की जानकारी न दें

पुलिस और बैंक कई बार एडवाइजरी जारी कर चुके हैं कि किसी भी तरह की बैंक संबंधी जानकारी फोन पर किसी को न दें। इसके साथ ही फोन पर आया ओटीपी भी किसी से शेयर न करें। आरोपी के पास पास आपके बारे में कुछ हल्की-फुल्की जानकारी होती है। वह उसी के सहारे अन्य जानकारी निकलवा लेता है।

न्यूज़ सोर्स : अफसर ने दिया OTP, खाता हुआ खाली