आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को अपने दिये विवादित बयान पर सार्वजनिक रुप से मांफी मांगनी चाहिए - संदीप तिवारी, संयोजक छत्तीसगढ सवर्ण संघर्ष समिति
रायपुर (छत्तीसगढ़)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने समाज के जाति प्रथा पर जोरदार प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि पुजारियों ने इस समाज को जातियों में बांट दिया। भगवान ने जाति नहीं बनाई थी। धरती पर सब समान हैं, मनुष्य का जन्म होता है तो वह जातियों में नहीं बंटा होता। भगवान ने कोई भेद नहीं किया। पुजारियों ने जाति बनाकर बांट दिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक मोहन भागवत की ओर से पंडितों के खिलाफ दिए बयान के बाद मोहन भागवत के खिलाफ देशभर में आक्रोश है।
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे।
संदीप तिवारी ने कहा सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग सभी युग में जाति-धर्म का उल्लेख है लेकिन मोहन भगवत जी शास्त्र को नकारते हुए देश को बाटने वाला बयान देकर सुर्खियो में आना चाहते है और वही भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता के द्वारा मोहन भागवत जी द्वारा दिये ब्यान का निंदा तक नही किया गया है।
संदीप तिवारी ने कहा कि शास्त्र के अनुसार श्री परशुराम भगवान को ब्राम्हण कुल का बताया गया है, श्रीराम भगवान को क्षत्रिय कुल का बताया गया है श्री कृष्ण भगवान को यादव कुल का बताया गया है तो क्या मोहन भागवत जी इसे नही मानते क्या ? और अगर नही मानते तो सबसे पहले मोहन भागवत जी स्वयं अपने जाति में क्या लिखते देश को बताये और उसे हटाये।