कहा जाता है कि जब आपके मन में लगन और कुछ करने की इच्छा हो तो आपको कोई भी परिस्थिति हरा नहीं सकती और जिन परिस्थितियों में अर्चना ने काम किया वह तो वास्तव में
पुरस्कार योग्य है ही क्योंकि यह वक्त ऐसा था जब लोग एक दूसरे से मिलने और बात करने से भी कतराते थे और ऐसी स्थिति में अर्चना कुशवाहा ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों में जनजागृति जगाई न्यूज़ फॉर इंडिया टीवी की टीम ऐसे जज्बे को सलाम करती है।

भोपाल // भोपाल के बैरसिया तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम नलखेड़ा की आशा अर्चना कुशवाहा होगी पुरस्कृत  मध्यप्रदेश की दो आशा कार्यकर्ताओं को अव दुनियाभर में पहचान मिलेगी विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने हर प्रदेश की दो आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का फैसला किया जिसमें आशा अर्चना कुशवाहा तथा आशा भगवती यादव को चुना गया हालही में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रडोस अदनोम घेब्रेयेसस ने इसकी घोषणा की है मध्यप्रदेश से  दोनो आशा कार्यकर्ताओं को चुना गया है कोराना काल में गढ़े नारे देश भर मशहूर हुए।

नलखेड़ा गांव की आशा अर्चना कुशवाहा ने बताया कि मैं नलखेड़ा गांव में आशा कार्यकर्ता हूं। मैं साल 2020 में इस कार्यक्रम से जुड़ी। मैंने कोराना संकट के दौरान अपनी जिम्मेदारी पूरी इमानदारी से निभाईं ,इस दौरान लोगों को कोराना बचाने के लिए नारे भी खुद ही गढ़े इसके बाद गांव की दीवार पर उन्हें लिखा भी वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो गांव के बुजुर्ग टीका लगवाने को तैयार नहीं हो रहे थे। मैंने दिवाली के पहले गांव में 60 साल से अधिक उम्र की बुजुर्ग महिलाओं को एक एक साड़ी और 10-10 दीपक उपहार में दिए।

साथ ही वैक्सीनेशन का महत्व बताते हुए उसे लगवाने की अपील भी की जिससे गांव के लोग टीका लगवाने के लिए तैयार हुए। मेरे काम की तारीफ कलेक्टर से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर कर चुके।
जैसा कि हमें अर्चना कुशवाहा ने बताया ।
न्यूज़ फॉर इंडिया टीवी की टीम आशा कार्यकर्ता अर्चना कुशवाहा को बधाई एवं शुभकामनाएं देती है .

न्यूज़ सोर्स : आशा कार्यकर्ता अर्चना कुशवाह को डब्ल्यूएचओ करेगा पुरस्कृत