नीमच। मालवा की वैष्णोदेवी के नाम से प्रसिद्ध भादमाता के दरबार में चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्तों का सैलाब उमड रहा है। बीते दो वर्ष कोरोना काल के दौरान भादमाता के दरबार में कई प्रतिबंध थे। प्रशासन द्वारा कोविड के चलते मेला का आयोजन भी निरस्त कर दिया था, लेकिन कोरोना की गति थमने के बाद अब पहले जैसा नजारा मां भादवा के दरबार में देखा जा रहा है। हजारों की संख्या में रोज भक्त पहुंच रहे है और चमत्कारिक प्रतिमा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। नवरात्रि के दौरान पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया है। चहुंओर जय माता दी के जयकारें गूंज रहे है। जिला प्रशासन व मंदिर समिति द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए शीतल पेयजल और टैंट की व्यवस्था की गई है वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, जो श्रद्दालुओ की सुरक्षा के लिए नाकेबंदी व निरीक्षण कर रहे है। वाहनों की पार्किंग के लिए यातायात विभाग का अमला भी तैनात किया गया है।
आज महाष्टमी पर उमडेंगे लाखों भक्त—
महाष्टमी आज  है। महाष्टमी पर भादवामाता भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है। मां के दर्शनमात्र से कष्ट दूर होते है और मनोकामनाएं पूर्ण होती है। महाष्टमी पर लाखों भक्त उमडेंगे। इसमें पैदल जाने वाले भक्तों की संख्या भी लाखों में रहेगी। भादवामाता मंदिर पहुंच हर मार्ग अष्टमी की रात को श्रद्दालुओं से पटे रहेंगे। भक्तों की आस्था के सामने रास्ते भी छोटे पड जाएंगे।

गंभीर रोगी होते है ठीक, दूर—दूर तक फैली मां की ख्याति—
भादवामाता मंदिर परिसर में स्थित बावडी के पानी से गंभीर रोग ठीक होते है। वैसे 12 महिने ही मां के दरबार में लकवा पीडित, नैत्रहीन भक्तों का जमावडा लगा रहता है। मां के दरबार में कुछ दिन बिताने पर बावडी के पानी को पीने मात्र से गंभीर बीमारियों से ग्रस्ति रोगी ठीक होते है। महाष्टमी पर लकवा पीडितों को ठहरने के लिए अलग से टैंट लगाकर व्यवस्था की गई है।

मुर्गे— बकरे व चांदी का छत्र चढाते है भक्त—
मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भक्त खुशी—खुशी मां भादवा को चढावा चढाते है। इसमें मुर्गे, बकरे और चांदी के छत्र सहित अन्य आभूषण शामिल है। मंदिर परिसर में मुर्गे और बकरे विचरण करते हुए देखे जा सकते है। मां के आरती के दौरान बकरे और मुर्गे भी गुणगान करते है।

न्यूज़ सोर्स : चैत्र नवरात्रि पर भादवामाता में लगा मेला, देश के कोने—कोने से पहुंच रहे है भक्त