झूठी FIR करना पड़ा महंगा , हाईकोर्ट ने FIR खारिज कर की तल्ख टिप्पणी

 

आजकल आए दिन देखने में आता है कि पुलिस आनन 

फानन में या फिर किसी के दबाव में आकर झूठी FIR दर्ज कर देती है। लेकिन कहते हैं ना सांच को आंच नहीं । सत्य कभी पराजित नहीं होता उसे न्याय मिलकर ही रहता है । ऐसा ही एक मामला सागर जिले का है जहां पुलिस ने दबाव में आकर आरोपी के विरुद्ध झूठी एफआईआर दर्ज की थी लेकिन न्यायपालिका ने अपनी स्वविवेक अधिकार का प्रयोग कर आरोपी को दोष मुक्त सिद्ध किया न केवल दोष मुक्त सिद्ध किया बल्कि झूठी एफआईआर दर्ज किए जाने पर तल्ख टिप्पणी भी की ।

 

यह है मामला

 

दरअसल सागर जिले में kcc कम्पनी ने सड़क निर्माण का काम लिया था और वह भापेल से जैसीनगर तक सड़क का निर्माण कर रही थी इस दौरान Kcc ने रोहित शर्मा की रेडकॉन कम्पनी को काम दिया और रोहित शर्मा ने धर्मवीर से प्लांट का एग्रीमेंट किया बाद में रेडकॉन आधा अधूरा काम छोड़ कर कंपनी से बहुत सारा पैसा लेकर भाग गई। धर्मवीर और कुछ स्थानीय लोगों ने रोहित शर्मा के खिलाफ पैसों के लेनदेन को लेकर मोतीनगर थाना में मामला दर्ज करवा दिया जिसमे kcc को भी आरोपी बनाया गया जबकि नियम के हिसाब से कम्पनी का कोई लेना देना नही था और इस मामले पर हाईकोर्ट ने ने मामलें को सिरे से रद्द कर दिया और पुलिस को मुंह की खानी पड़ी इस मामले में हुई पुलिस की फजीहत।

 

आधे अधूरे सड़क को पूरा करने kcc ने फिर से काम शुरू किया और नियमानुसार धर्मवीर से प्लांट खरीदा फिर सड़क निर्माण पूरा किया लेकिन इसी बीच तत्कालीन मोतीनगर थाना निरीक्षक सतीश सिंह ने कथित रूप से सांठगांठ कर kcc के मालिक हरियाणा से निर्दलीय विधायक बलराज सिंह कम्पनी का काम देख रहे हाशिम खान और सागर के महेंद्र सिंह के खिलाफ मोतीनगर थाना में FIR दर्ज करवा दी जबकि पूरा मामला पड़ोसी थाना जैसीनगर क्षेत्र की सीमा में आता है हालांकि थाना प्रभारी सतीश सिंह पर दूसरे थाना क्षेत्रों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगते रहे है और उन्हें जांच का सामना भी करना पड़ा।

सागर के इस हाईप्रोफाइल मामले में अब हाईकोर्ट ने मामला ही रद्द कर दिया है बिना कोई जांच किये FIR दर्ज करना कूटरचित दस्तावेजों से केस को मजबूत करना इतना ही नही तत्कालीन मोतीनगर थाना प्रभारी सतीश सिंह को यह मामला महंगा पड़ सकता है कोर्ट ने इस पूरे मामले में फैसला देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है सभी को आरोप मुक्त करते हुए फैसले में स्पष्ट लिखा है कि यदि पीड़ित चाहे तो FIR दर्ज करवाने बाले धर्मवीर सिंह, थाना प्रभारी सतीश सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते है।

वही पूरे मामले में पीड़ित पक्ष का कहना है कि जिस तरीके से हमे बदनाम किया गया है उसका सबक निरीक्षक सतीश सिंह, ( वर्तमान में छतरपुर में पदस्थ) विवेचक कानूनी कार्रवाई करेंगे।

 

गौरतलब है कि TI सतीश सिंह पर सागर में विभिन्न थानों में पदस्थापना के दौरान अनेक जांचे चली कुछ जांचे अब भी जारी बताई गई हैं इसी में एक कथित चाँदी कांड मामला भी सुमार हैं।

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