नारी शक्ति एक नई पहल संस्था बनी पीडि़ताओं की मददगार :
650 दुष्कर्म पीडि़ताओं सहित 2400 से अधिक महिलाओं को दिलाया न्याय
भोपाल।
आप आए दिन दुष्कर्म, मारपीट, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा सहित महिला संबंधी कई अपराधों की खबरें देखते और पढ़ते हैं। इन मामलों में कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें महिलाएं आर्थिक समस्याओं या फिर अन्य कारणों से आगे नहीं आ पाती हैं। ऐसी महिलाओं के लिए नारी शक्ति एक नई पहल संस्था हाथ बढ़ाती है और उन्हे न्याय दिलाने में मदद करती है। संस्था की संस्थापक और सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता नुपुर धमीजा द्वारा अब तक करीब 650 से अधिक नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ताओं सहित 2400 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया गया है। इसमें मध्यप्रदेश की लगभग 300 पीडि़ताएं शामिल हैं। वहीं सैंकड़ो मामलों में अधिवक्ता नुपुर धमीजा और उनकी टीम महिलाओं की मदद करने में जुटी हुई है। नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ताओं को न्याय दिलाने को लेकर संस्था का नाम वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन में दर्ज होने के साथ ही गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।
कोरोना संक्रमण काल में हुई शुरूआत :
महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध खड़ी होने वाली नारी शक्ति एक नई पहल संस्था की शुरूआत अधिवक्ता नूपुर धमीजा द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान अप्रेल 2020 में की गई। अधिवक्ता नूपुर धमीजा ने बताया कि वह लगभग 8 सालों से मध्यप्रदेश में निवासरत हैं। मूलत: वह गुडग़ांव की रहनी वाली हैें। कोविड 19 के दौरान यह अहसास हुआ कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए एक संस्था होना चाहिए। जिसके बाद नारी शक्ति एक नई पहल संस्था की मध्यप्रदेश से शुरूआत की।
लीगल और मीडिया टीम सहित 2 लाख से अधिक सदस्य :
लीगल और मीडिया टीम को संस्था में प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। साथ ही साथ जागरूक नागरिकों को भी जोड़ा गया है। नारी शक्ति एक नई पहल संस्था परिवार में देशभर में दो लाख से अधिक सदस्य हैं। संस्था द्वारा हेल्पलाइन नंबर 8827666866 भी जारी किया गया है, जहां संपर्क किया जा सकता है। इस हेल्पलाइन पर रोजाना 50 से 60 कॉल आते हैं।
यह मामले सुर्खियों में रहे :
दुष्कर्म पीडि़ता की सुरक्षा के लिए 8 दिन अस्पताल में रहीं :
नारी शक्ति एक नई पहल संस्था का सबसे पहला केस जबलपुर के पास एक गांव का आया, जिसमें तीन साल की बच्ची को अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी दोनों आंखे निकाल कर उसे फेक दिया गया। इस गंभीर स्थिति में संस्थापक द्वारा इस बच्ची को नया जीवन दिया गया। कोरोना काल में 8 दिनों तक जबलपुर जिला चिकित्सालय मेडिकल में रह कर उस बच्ची की देखभाल और उसकी सुरक्षा की गई। वहीं आरोपी को फ ांसी की सजा दिलाई गई। इसी तरह इंदौर में एक महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में उसे पर्सनल पाट्र्स को काट कर थेली में फेंक दिया गया, उसकी नाक तक काट दी गई और उसे मृत घोषित कर दिया गया। संस्था की टीम द्वारा महिला का इलाज कराया गया और आरोपियों को गिरफ्तार कराया।
बेटियों को दे रहे आत्मरक्षा का प्रशिक्षण :
विगत 3 वर्षों से नारी शक्ति एक नई पहल संस्था महिला अपराध, महिलाओं की आत्मसुरक्षा और विक्षिप्तों पर कार्य कर रही है। संस्था के सक्रिय कार्यकतार्ओं द्वारा शासकीय-अशासकीय स्कूलों, कॉलेजों, ग्रामीण क्षेत्रों में जा कर आत्मसुरक्षा पर लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही संस्था सोशल मीडिया पर 6 लीगल प्लेटफार्म भी संचालित कर रही है, जिनसें लाखों लोग जुड़े हुए हैं।