उपेक्षा की चिंगारी से आग बनती है और वह सरकार गिरा देती है 
गुपचुप समीक्षा  - सारिका श्रीवास्तव


सत्ता अहंकार लाती है  और अहंकार उपेक्षाओं को जन्म देता है उपेक्षाएं जब बहुत बलवान हो जाती है तो वह विद्रोह की चिंगारी उत्पन्न कर देती है जैसा कि आप सभी जानते हैं ऐसा ही कुछ पूर्व में  कांग्रेसी मुख्यमंत्री की उपेक्षा से आहत महाराज ने तख्तापलट कर दिया था नई ताजपोशी में शिवराज का राज हो गया ऐसा ही  फिलहाल कुछ सामने दिखाई दे रहा है अब तो बीजेपी में ही कार्यकर्ता दबे स्वर में कानाफूसी कर रहे हैं कि कहीं शिवराज द्वारा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की उपेक्षा एक बार फिर से चिंगारी ना उत्पन्न कर दें

यहां हम कुछ घटनाओं का उल्लेख अवश्य करना चाहेंगे


नरोत्तम को बोलने का मौका नहीं दिया गया

एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच तनातनी देखने को मिली। 21 मई को CM हाउस में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मान समारोह में दिखी। पहला तो ये कि मंच पर मौजूद नरोत्तम को बोलने का मौका नहीं मिला। वहीं, जब शिवराज का भाषण खत्म हुआ, तो नरोत्तम ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का हाथ पकड़ा और उन्हें CM के पास कर चुपचाप जाने लगे। मंत्री रामखेलावन पटेल ने उन्हें रोका भी, लेकिन नरोत्तम मंच छोड़कर चले गए। जिस वक्त गृहमंत्री ने मंच छोड़ा, उस वक्त पिछड़ा वर्ग के अलग-अलग समाजों के अध्यक्ष CM का सम्मान कर रहे थे। 

 

मंच पर कुर्सी ना मिलने से नाराज हुए थे नरोत्तम

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बीच रिश्तों में बढ़ती दूरी नजर आई हो। फरवरी 2022 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के  "एक पौधा रोज अभियान"  का 1 साल पूरे होने के मौके पर बीजेपी संगठन ने कार्यक्रम का आयोजित किया। भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में CM के कार्यक्रम में  अपने लिए मंच पर कुर्सी नहीं होने से नरोत्तम नाराज दिखे थे। तब वह मंच के सामने ही कुर्सी लगाकर बैठ गए थे। 
तब बीजेपी के भोपाल शहर अध्यक्ष सुमित पचौरी नरोत्तम को मनाने पहुंचे तो गृहमंत्री ने जमकर फटकार लगा दी। हालांकि, बाद में नरोत्तम मिश्रा वरिष्ठ नेताओं के मनाने पर मंच पर पहुंचे।

 

नरोत्तम ने मंत्री को कुर्ता खींचकर बैठा दिया था 

गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई थी यह घटना

महीनेभर पहले तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन में भी ऐसा ही कुछ दिखा था। जब CM शिवराज जैसे ही भाषण देने के लिए माइक की तरफ बढ़े, तो सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया उनके सम्मान में ताली बजाने के लिए खड़े हुए। तभी उनके बगल में बैठे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पीछे से भदौरिया का कुर्ता खींचा और 
इशारा करके वापस बैठने के लिए कह दिया। भदौरिया तुरंत वापस बैठ गए। 
 और भी घटनाएं है पर हमने यहां केवल उन घटनाओं का जिक्र किया है जिन पर प्रत्यक्ष रूप से जनता की नजर में पड़ी है

यद्यपि दोनों नेता बयान बाजी में हमेशा इस बात से इंकार कर रहे हैं कि बीजेपी में कोई अंत:कलह  है पर ,

हुजूर जानिए-  "यह पब्लिक है यह सब जानती है..."

 विद्रोह की चिंगारी ना जाने कब आग बन जाए...

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