मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे है कौन ?

भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस दो तीन दिन में समाप्त हो जाएगा। सोमवार को भाजपा के 163 विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। इसमें साफ हो जाएगा कि शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री रहेंगे या फिर कोई दूसरा नाम आएगा। इस बीच पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के बाद सबसे प्रबल दावेदार पूर्व केंद्रीय मंत्री और नरसिंहपुर से विधायक प्रहलाद पटेल है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की भी चर्चा है।
यह है प्रहलाद पटेल का मजबूत पक्ष
यदि शिवराज को बदला जाता है तो अभी तक दावेदारों में प्रहलाद सिंह पटेल प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता ज्यादा है, लेकिन उनके चेहरे से ओबीसी फेस का संदेश नहीं जाएगा। ऐसे में उनकी संभावना कम हो जाती है। प्रहलाद पटेल मोदी और शाह के विश्वास पात्र भी बने हुए हैं। पटेल लोधी समाज से आते हैं। मध्य प्रदेश में 70 से ज्यादा विधानसभा सीटें लोधी बाहुल्य हैं। इनका 12 लोकसभा सीटों पर सीधा प्रभाव है। लेकिन पटेल का नकारात्मक पक्ष यह है कि वे उमा भारती को सीएम पद से हटाए जाने के बाद भाजपा छोड़कर उनके साथ चले गए थे।
दिग्गजों का क्या होगा?
यदि शिवराज के अलावा ओबीसी वर्ग से मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बनते हैं तो सवाल यह है कि नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य सांसदों का क्या होगा। जानकारों का कहना है कि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष या बड़ा विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय को बड़ा मंत्री पद दिया जाता है। वहीं, अन्य राकेश सिंह और रीति पाठक भी मंत्री बन सकते हैं। राकेश सिंह केंद्रीय नेतृत्व के खास है। वहीं, सीधी में विधायक केदार शुक्ला के बागी होने के बाद भी रीति पाठक जीती हैं तो उनका कद बढ़ गया है। शिवराज को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में या केंद्र में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
इसलिए शिवराज के विकल्प पर विचार
दरअसल, राजस्थान में आलाकमान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं है। यदि शिवराज को दोबारा मौका दिया जाता है तो राजस्थान में वसुंधरा भी अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर सकती है। इसके अलावा दूसरी वजह नए नेतृत्व को मौका देना भी है।