छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मानव तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। 15 साल की नाबालिक को उसकी मुंहबोली बड़ी मां ने बालिग बताकर 2 लाख रुपए लेकर राजस्थान के अजमेर में शादी करा दी। इस पूरे मामले में नागपुर का एक गिरोह शामिल रहा, जिसने यह पूरा काम किया। लगभग दो माह बाद पुलिस को नाबालिग का सुराग मिला। पुलिस ने इस मामले में महाराष्ट्र व राजस्थान के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं शादी करने वाला शख्स फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। बिलासपुर पुलिस ने नाबालिग बच्चों का अपहरण कर शादी के लिए बिक्री करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।

यह पूरा मामला बिलासपुर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। एक नाबालिग लड़की 17 नवंबर 2021 से लापता थी। परिजनों ने नाबालिग के लापता होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। परिजनों ने उनकी परिचित एक महिला के बारे में बताया, जिसे नाबालिग अपनी बड़ी मां कहती थी। पुलिस ने केस दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरू की। नाबालिग के मोबाइल पर कॉल कर रहे थे, लेकिन वह बंद मिल रहा था। एक दिन मोबाइल चालू हुआ तो नाबालिग का लोकेशन महाराष्ट्र नागपुर में दिखा। एक टीम नागपुर रवाना कर तलाश शुरू की गई। 

जांच के दौरान पुलिस को रुखसार खान व आकाश सिरवाते नाम के शख्स के बारे में जानकारी मिली। दोनों से पूछताछ में पता चला कि नीरज चापले नाम का ऑटो चालक ज्योति गुप्ता नाम की महिला व नाबालिग को लेकर आया था। ज्योति गुप्ता व नीरज ने मिलकर नाबालिक का फर्जी आधार कार्ड बनवाया, जिसमें उसे बालिग बताया गया। फिर उसकी शादी अजमेर में जाकर रतन प्रजापति नाम के व्यक्ति से करा दी गई। रतन प्रजापति से शादी कराने में रुखसार खान ने बड़ी भूमिका निभाई। उसी ने राजस्थान के एक पंडित नंदकिशोर शर्मा से मिलकर नाबालिग की शादी कराई। इसके एवज में रतन प्रजापति ने दो लाख रुपए दिए थे। पुलिस ने बताया कि शादी कराने वाले पंडित नंदकिशोर शर्मा ने नाबालिग से दुष्कर्म भी किया था। पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 366, 368, 370, 374, 34 एक्ट एवं पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। पुलिस ने आरोपी ज्योति गुप्ता, रुखसार खान, आकाश सिरवाते, नीरज चापड़े व नंदकिशोर शर्मा को गिरफ्तार किया है।