छत्तीसगढ़ के लिए 2022 वाकई हैप्पी न्यू ईयर साबित होने जा रहा है। 1 जनवरी से ही छत्तीसगढ़ की सरकार एजुकेशन से जुड़ी दो अहम योजनाएं शुरू कर रही है। गोबर से बिजली और गैस बनाने की वजह से गांव के घरों में चूल्हे जलेंगे और गलियां होंगी रोशन। इस साल 4 नए जिले भी कागजों से निकल कर अपना वजूद कायम करेंगे। कृषि मजदूरों के खातों में रुपए भेजे जाएंगे। बहुत मुमकिन है कि सरकार गन्ने से पेट्रोल जैसा ईंधन भी इस साल लोगों के बीच ले आए। और भी कई ऐसे जन उपयोगी प्रोजेक्ट्स हैं जो इस साल नए साल के तोहफे के रूप में मिलेंगे।

स्किल हब इनीशिएटिव और सौ दिनों का पठन, गणितीय कौशल विकास का आगाज हो रहा है। इसके तहत स्किल हब इनीशिएटिव कार्यक्रम में 15 से 19 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं उनको व्यवसायिक शिक्षा पर आधारित कौशल केन्द्र में प्रशिक्षण अवसर मिलेगा। उनकी स्किल बेहतर कर उनको रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। ये ट्रेनिंग पूरी तरह से फ्री है। दूसरी योजना में 8वीं तक के सभी बच्चों को पढ़ना-लिखना और गणितीय कौशल बेहतर करने के लिए 100 दिन का अभियान भी शुरू किया जा रहा है। 14 सप्ताह भाषा और मैथ्स में इंप्रूवमेंट पर जोर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में गोबर से बिजली बनने का ट्रायल कामयाब रहा, इसलिए अब भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) की टेक्नोलॉजी प्रदेश में बड़ा प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारी में है। 2022 में इसका असर गांव की गलियों में जगमगाती स्ट्रीट लाइट और घरों में बिजली पहुंचा कर पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। राजधानी से सिर्फ 50 किमी दूर बनचरौदा गांव में 250 किलो गोबर और 500 लीटर पानी का इस्तेमाल करने के बाद 1 घंटे में लगभग 4000 वॉट बिजली बनाई गई। इससे 150 एलईडी बल्ब 12 घंटे तक जल सकते हैं। शुरू में बेमेतरा के ग्राम राखी, दुर्ग के सिकोला और रायपुर के बनचरौदा गोठान का चयन हुआ है।

फ्यूल- राज्य में इंधन को लेकर कोई संकट ना आए, इसके लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में एथेनॉल को देखा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से धान से बायोएथेनॉल निर्माण की अनुमति भी मांगी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि यदि केंद्र सरकार अनुमति दे तो राज्य सरकार सरप्लस धान का उपयोग एथेनॉल बनाने में कर सकेगी। छत्तीसगढ़ में पहले से ही देश के सबसे बड़े एथेनॉल प्लांट स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल पर आधारित एमओयू किया जा चुका है। यह अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने कवर्धा और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन. के. जे. बायोफील्ड के बीच 30 साल के लिए किया गया है। यदि केंद्र सरकार टू व्हीलर ,थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर सभी गाड़ियों में बायोफ्लेक्स इंजन को अनिवार्य करती है तो छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्यों में से एक होगा जो इसकी सप्लाय करेगा।

गैस- महासमुंद में जिले के 28 गौठनों में गोबर गैस मिनी प्लांट बनाकर ट्रायल शुरू किया जा चुका है। इस साल इसे प्रदेश के और भी हिस्सों में पहुंचाने की तैयारी है। बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत संतपाली में बने गौठान में गोबर गैस बनाया गया है। इस पर लगभग 60 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। ग्राम संतपाली के सरपंच सुरेश निषाद का कहना है कि गौठानों में अब गोबर से गैस उत्पादन करने के लिए मिनी प्लांट लगाकर काम शुरू किया जा रहा है 2022 में यह गैस घरों में भी सप्लाई की जाएगी। अभी छोटा प्लांट लगाया गया है, जिससे गौठान में गैस से जलने वाले बल्ब लगाए जाएंगे। इस गैस से सिलेंडर भी भरे जाएंगे। जो कि रसोई में उपयोग होने वाली गैस के रूप में काम आएंगी महिलाएं अपने घरों में सस्ती गैस से खाना बना सकेंगी

साफ होगा खारुन का जल- चंदनीडीह में 75 एमएलडी, कारा में 35 एमएलडी और निमोरा में 90 एमएलडी क्षमता के जल शोधन संयंत्र बन जाएंगे, करीब 261 करोड़ की यह परियोजना निर्माण के अंतिम चरण में है। इसके बन जाने से रायपुर के करीब 17 नालों का पानी फिल्टर करने के बाद खारुन नदी में जाएगा।

आदिवासी संग्रहालय- अब संग्रहालय का भवन बन चुका है, उसमें जनजातीय संस्कृति, कला, रहन-सहन, वस्त्र, आभूषण, अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शित किए जाएंगे। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ क्षेत्र के आदिवासी नायकों की भी एक गैलेरी होगी

प्रदेश में हॉर्टिकल्चर और फॉरेस्ट्री के अध्ययन का नया ठिकाना

इस साल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी हॉर्टिकल्चर​​​​ और फॉरेस्ट्री के कॉलेज नए विश्वविद्यालय के अधीन कर दिए जाएंगे, कुलपति नियुक्त हो चुके हैं। जल्दी ही रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति होनी है जो 2022 के शुरुआती महीनों में हो जाएगी

इस साल 4 नए जिले अस्तित्व में आ जाएंगे- स्वतंत्रता दिवस पर सीएम भूपेश बघेल ने चार नए जिले सक्ती, मनेंद्रगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर और 18 नई तहसीलें बनाने की घोषणा की है। यहां कलेक्टर, SP नियुक्त कर दिए जाएंगे। जिलों का प्रशासनिक काम इसी साल से शुरू हो जाएगा। अब छत्तीसगढ़ में कुल 32 जिले हो चुके हैं।

खातों में रुपए भेजेगी सरकार- 2022 में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त जारी होगी। इसके लिए पंजीयन की शुरूआत सितंबर से हो चुकी है, योजना का लाभ 10 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मजदूरों, गांव के पारंपरिक लोहार, बढ़ई, कुम्हार, पुरोहित को मिलेगा। प्रत्येक परिवार के लिए 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि, सीधे उनके बैंक खाते में जमा कराई जाएगी।