उज्जैन   महाकाल में महाशिवरात्रि के दिन इतिहास रचने की तैयारी है। इस दिन यहां 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। शहर का हर घर दीपावली की तरह जगमग होगा। शहर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। अयोध्या में 12 लाख दीपक जलाए गए थे। इससे ढाई गुना ज्यादा दीपकों से उज्जैन को रोशन करने का प्लान है। इसमें करीब 40 लाख रुपए का खर्च आएगा।

नौ दिन तक चलने वाले पर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। महाशिवरात्रि पर क्षिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। तीन लाख दीपक अलग-अलग जगह, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे। दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पहले 15 लाख दीये लगाने की योजना थी, लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम के लिए लोग भागीदारी कर रहे हैं, इसे देखते हुए लक्ष्य को और बड़ा कर दिया है। सामाजिक संगठनों, स्टूडेंट्स और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है। समितियां भी बनाई गई हैं। क्षिप्रा किनारे एक हजार दीपक लगाकर रिहर्सल भी की गई। एक आदमी करीब 100 दीपक लगा सकेगा।

चौराहे पर जलेंगे दीये

घाटों पर 12 लाख, महाकाल मंदिर में 51 हजार, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामन मन, काल भैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे।

लिम्का और गिनीज टीम बुलाई

दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। आयोजन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अफसरों से संपर्क किया गया है। जल्द ही, टीम के कुछ सदस्य तैयारी देखने उज्जैन आने वाले हैं।

40 लाख रुपए आएगा खर्च

दीये लगाने के लिए तेल, मिट्‌टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च करीब 40 लाख रुपए आएगा। एक दीपक 60 से 90 पैसे का खरीदा जाएगा। इसके लिए टेंडर कर दिए गए हैं। 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना है। 4 लाख रुपए की बाती भी आएगी।

सायरन बजते ही जल उठेंगे दीये

कार्यक्रम में सभी दीपक एक साथ शाम सात बजे जलाए जाएंगे। इससे पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर दीपक जलाना शुरू कर देंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयं सेवकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।