भोपाल । विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से प्रारंभ होगा। सत्र काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद पहला अवसर है, जब सदन की कार्यवाही 19 दिनों तक चलेगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस बार कर्मचारी-किसान और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस बजट सत्र में आक्रामक रूख दिखाकर विधानसभा चुनाव-2023 के पहले सरकार को भ्रष्टाचार सहित कानून व्यवस्था के मामले में फेल होने का आरोप प्रमाणित करना चाह रही है। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ भी सत्र के सभी दिन भोपाल में रहेंगे। बजट सत्र से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें दोनों दल अपनी-अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक इस बजट सत्र में पार्टी का रूख बेहद आक्रामक रहने की उम्मीद है। पार्टी नेताओं का मानना है कि पिछले दिनों प्रदेश की कई गोशालाओं में जिस तरह गो माता के साथ हुए निर्मम व्यवहार के मामले सामने आए हैं, विपक्षी दल कांग्रेस इसे लेकर विधानसभा में शिवराज सरकार को घेरेगी। इसकी रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के आवास पर बुलाई गई है। बैठक में अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।
सदन में पूरे समय मौजूद रहें विधायक, हिस्सा भी लें
पार्टी ने इस बार सभी विधायकों से कहा है कि सत्र के दौरान पूरे समय सदन में मौजूद रहें और कार्यवाही में हिस्सा लें। विपक्ष जिन मुद्दों पर आक्रामक रहेगा, उनमें ओबीसी आरक्षण, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था का मुद्दा प्रमुख है। इधर भारतीय जनता पार्टी विधायक दल भी अपनी रणनीति सात मार्च को तय करेगा। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई है। भाजपा विधायक दल के सचेतक यशपाल सिंह सिसौदिया का कहना है कि राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरूआत होगी, धन्यवाद प्रस्ताव पर आठ मार्च से बहस होगी।