कोलकाता। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों से बात करते हुए कहा था कि यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आते हैं तो फिर भाजपा को हराना आसान होगा। इस तरह उन्होंने साफ संकेत दिया था कि आने वाले दिनों में उनका कुछ और क्षेत्रीय दलों को जोड़ने का इरादा होगा। इस कड़ी में ममता बनर्जी ने देश भर में दौरा भी किया और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों से मुलाकात कर एक अलग ही मोर्चा बनाने की तैयारी में जुटी थीं। इस कड़ी बंगाल की मुख्यमंत्री अपने दो दिवसीय मुंबई दौरे के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के अलावा अन्य नेताओं से मुलाकात भी की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे तथा शिवसेना के प्रमुख नेता व सांसद संजय राउत के साथ बैठक की थी।
  एनसीपी नेता शरद पवार ने राष्ट्र मंच की बैठक के नाम पर विपक्ष के कई नेताओं से चर्चा की थी। राष्ट्र मंच वह संगठन है, जिसे यशवंत सिन्हा ने 30 जनवरी 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ बनाया था। इन बैठकों के बाद कुछ ऐसे बयान सामने आए कि प्रशांत किशोर, ममता बनर्जी को तीसरे मोर्चे का चेहरा बनाने में जुटे हैं। शरद पवार को तीसरे मोर्चे के संयोजक की भूमिका दी जाएगी। पंजाब के नतीजों ने बता दिया है कि अरविंद केजरीवाल नई सियासत के 'हैवीवेट’ नेताओं में शुमार होंगे। देश में जब कभी विपक्षी एकजुटता या तीसरे मोर्चे की बात हुई है तो वहां केजरीवाल को वैसी तव्वजो नहीं मिल सकी, जैसी शरद पवार, ममता बनर्जी, अखिलेश, चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन या नीतीश कुमार सहित दूसरे नेताओं को मिली है। जानकारों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में जब कांग्रेस पार्टी खुद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में लगी है, तब आम आदमी पार्टी उसके विकल्प के तौर पर सामने आ सकती है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 की मतगणना के अब तक रुझान में भाजपा बहुमत के जादुई आंकड़े से काफी आगे निकलती दिख रही है। रुझान को देखते हुए भाजपा कार्यालयों पर जश्न का माहौल बन चुका है। भाजपा कार्यकर्ता अभी से खुशी में झूमने लगे हैं।