छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी वन कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है, बस्तर संभाग के लगभग 1200 वन कर्मचारी पिछले 11 दिनों से हड़ताल पर डटे हुए हैं। वन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से बस्तर संभाग के घने जंगलों में लगातार आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। जिससे वनों को नुकसान पहुंचने के साथ वन विभाग को भी पेड़ो की अवैध कटाई से लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। वन कर्मियों के हड़ताल में जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने बयान दिया है, इस हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए इसे गलत बताया है।

अपने दो दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे मुख्यमंत्री ने वन कर्मियों के हड़ताल को लेकर कहा कि खासकर गर्मी के दिनों में जंगलों में आग लगने की शिकायते मिलती रहती है। और कुछ दिनों से जंगलों में लगातार आग लगने की जानकारी भी मिल रही है और इससे वनों को नुकसान भी पहुंच रहा है, और ऐसे में अगर वनकर्मी, वनपाल हड़ताल में है तो यह गलत बात है, यह सीजन है जंगलों में आग लगने से उसे रोकने के लिए और ऐसे में वन कर्मियों की बहुत जरूरत होती है, मैं समझता हूं कि अगर उन्हें कुछ बात कहना है तो अपने उच्चाधिकारियों के सामने अपनी बात रखें और ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसे बातचीत से हल ना किया जा सके। इधर वन कर्मियों का कहना है कि अपने हित में वे लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। बावजूद उनकी मांगो पर कोई सुनवाई ना होता देख  हड़ताल पर जाना पड़ा है। वन कर्मियों का कहना है कि अपनी मांगों के समाधान को लेकर जब तक शासन प्रशासन से लिखित आदेश नही मिल जाता वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।