नई दिल्ली । राजस्थान के भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि राजस्थान में भी महाराष्ट्र की तरह खेला होगा। भाजपा नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहे है कि पार्टी आलाकमान की नजरें राजस्थान पर है। राजस्थान में भी महाराष्ट्र पैटर्न लागू हो सकता है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे हालात होने के संकेत दे रहे हैं। प्रदेश के भाजपा नेताओं का कहना है कि गहलोत सरकार जुगाड़ से चल रही है। सरकार खुद गिर जाएगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष है। मंत्री-विधायक एक साथ नहीं बैठते। ऐसे हालात में कुछ भी हो सकता है। चतुर्वेदी का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में चल रहा आतंरिक संघर्ष हमें मध्यावधि चुनाव की ओर ले जा रहा है। जिस तरह से भाजपा नेताओं के बयान आ रहे हैं, उससे राज्य की सियासत का पारा गर्मा गया है। हालांकि, सीएम गहलोत के करीबी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेता मुंगेरलाल के हसीन सपने देखने के लिए स्वतंत्र है। जनता एक बार फिर भाजपा को जवाब देगी। महेश जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के विधायक के खरीद-फरोख्त के प्रयास सफल नहीं होंगे और फिर से मुंह की खानी पड़ेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि गहलोत सरकार जुगाड़ के भरोसे है। जिसका टायर कब फट जाए पता नहीं। उन्होंने कहा कि जुगाड़ की इस सरकार में न स्टेयरिंग का पता है और न इसमें हॉर्न बजता है। ऐसे में ये जुगाड़ वाली सरकार चलती नहीं, केवल खिसकती ही है। सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद कमजोर है और तोहमत भाजपा पर लगाती है। लेकिन बचाव का यह तरीका बेहद कमजोर हो चुका है। हाल ही में चौमूं में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश में विधायकों के सरकार में किए गए बदलाव का उदाहरण देते हुए सचिन पायलट का नाम लिया था और कहा था कि थोड़ी चूक राजस्थान में पायलट जी से हो गई। उसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की संभावना जता दी थी और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा आलाकमान की नजरें अब राजस्थान पर भी है।