बैंकॉक । थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले शनिवार को संसद में अपना चौथा और अंतिम अविश्वास मत जीत लिया। प्रयुथ (68) और उनके 10 कैबिनेट सदस्यों को लेकर चार दिन तक हुई बहस के बाद मतदान हुआ। विपक्ष ने बढ़ते सरकारी ऋण और भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहने के लिए प्रयुथ की सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। संसद में मौजूदा गठबंधन सरकार के बहुमत की बदौलत सभी 10 कैबिनेट मंत्री भी बच गए। प्रयुथ को 256 वोट मिले, जबकि उनके विरोध में 206 वोट पड़े। वहीं, नौ सांसद मतदान में गैरहाजिर रहे।
मुख्य विपक्षी दल फेउ थाई पार्टी के प्रमुख चोलनन श्रीकाव ने कहा कि परिणाम निराशाजनक थे, क्योंकि ये जनता की भावना को नहीं दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि हम संसद में नहीं जीत सकते, लेकिन हम आम चुनाव में नहीं हारेंगे।’ सेवानिवृत्त जनरल प्रयुथ 2020 के बाद से तीन निंदा प्रस्तावों से बचने में सफल रहे हैं और संसदीय बहुमत होने के कारण उनकी गठबंधन सरकार बरकरार है। थाईलैंड के संसदीय इतिहास में किसी भी कैबिनेट मंत्री को कभी अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है। प्रयुथ 2014 के तख्तापलट के दौरान सत्ता में आए थे और बाद में 2019 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे।
बैंकॉक के रंगसिट विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के व्याख्याता प्रोफेसर वानविच बूनप्रोंग ने कहा कि प्रयुथ को मिले वोट की संख्या उनकी सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है और यह तय कर सकती है कि अगले साल मार्च में होने वाले आम चुनावों के लिए राजनीतिक गठबंधन की स्थिति कैसी होगी। विपक्ष के मुख्य सचेतक सुतिन क्लुंगसांग ने कहा कि प्रयुथ की प्रमुख विफलता आर्थिक प्रबंधन थी। प्रयुथ, जो रक्षा मंत्री भी हैं, पर पेगासस स्पाइवेयर के साथ राजनीतिक असंतुष्टों की जासूसी करने और देश के बजट का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगा था। विपक्ष ने उप प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनुतिन चरनवीराकुल पर उचित नियंत्रण के बिना भांग के इस्तेमाल को वैध बनाने का भी आरोप लगाया।
प्रयुथ ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद थाईलैंड की अर्थव्यवस्था स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘सरकार के शेष 250 दिनों के लिए मैं जोर देकर कहता हूं कि देश को जल्द से जल्द संकट से निकालने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा।’