उमरिया  ।  जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मे हुआ विवाद थाने पहुंच गया है। एक तरफ कांग्रेस की आदिवासी प्रत्याशी सावित्री सिंह ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पर जातिगत अभद्रता, मारपीट, गाली-गलौज और छेड़खानी का आरोप लगाया है। वहीं कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सावित्री सिंह पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है। कलेक्टर की शिकायत पर पुलिस ने सावित्री सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर भी ली है, जबकि सावित्री सिंह की शिकायत पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सावित्री सिंह ने की छीना-झपटी

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तन ने थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बारे में जानकरी देते हुए बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव टाई होने के बाद जब लाटरी निकाली गई तो सावित्री सिंह को इस बात की आशंका हो गई कि वे कोई गड़बड़ी कर रहे हैं। इस आशंका के बाद उन्होंने उनसे निकाली गई पर्ची छीनने की कोशिश की और इस कोशिश के दौरान सावित्री सिंह के नाखून उन्हें लग गए। इससे उनके हाथ से खून निकलने लगा। इस मामले में उन्होंने थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई है। एसपी प्रमोद सिन्हा ने चर्चा करते हुए बताया कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट संबंधी जानकारी थाने से प्राप्‍त कर सकते हैं कि किन धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। थाने की पुलिस ने बताया कि कलेक्टर की शिकायत पर सावित्री सिह के खिलाफ धारा 294, 506 और 353 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

सावित्री ने भी की शिकायत

अध्यक्ष पद की उम्मीदवार और जिले की वरिष्ठ आदिवासी नेत्री सावित्री सिंह ने थाना कोतवाली में इस मामले की एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की है। थाने में की गई शिकायत के बारे में जानकारी देते हुए सावित्री सिंह ने बताया कि यह चोंट कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव द्वारा उन्हे पकड़ कर खींचने के कारण आई है। इस दौरान उन्होंने मीडिया को हाथ में लगी चोट भी दिखाई और कहा कि कलेक्टर ने लाटरी में उनके जीतने के बावजूद उनकी प्रतिद्वंदी अनुजा पटेल को विजयी घोषित कर दिया और विरोध करने पर जातिगत टिप्पणियां की और चुनाव के बाद देख लेने की धमकियां भी दी।

यह की शिकायत

सावित्री सिंह द्वारा की गई शिकायत मे कहा गया है कि दिनांक 29 जुलाई 2022 को जिला पंचायत सभागार मे जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जा रहा था, जिसमे वह सभी जिला पंचायत सदस्यों के साथ भाग लेने गई थीं। चुनाव में प्रार्थिया ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था। मतदान के बाद प्रार्थिया और उनकी प्रतिद्वंदी अनुजा पटेल को 5-5 वोट मिलने पर लाटरी निकलवाई गई, जिसमे उसके नाम का पर्चा निकला, तभी रिटर्निग आफीसर एवं कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने प्रार्थिया के नाम की पर्ची को घुटनो के बीच मे छिपा लिया। यह देख कर मैने उनसे प्रार्थना की और निष्पक्ष चुनाव का आग्रह किया, जिस पर वे नाराज हो गए। जब सभी सदस्य कलेक्टर के इस कृत्य का विरोध करने लगे, तभी उन्होने टेबल के नीचे छिपाई हुई अनुजा पटेल के नाम की पर्ची निकाली और सब को दिखाने लगे। प्रार्थिया ने कलेक्टर से कहा कि जो पर्ची लाटरी में निकली है उसे आपने पैरों के बीच मे फंसाया है, उसे निकाल कर दिखाइए। ऐसा कहने पर कलेक्टर ने अश्लीलता के साथ मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे साथ छेडखानी, मारपीट और उत्पीडन करने लगे, जिससे घबरा कर वह पीछे हट गईं।

आदिवासी महिला के साथ यह कैसा सलूक

पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग आदिवासियों के उत्थान और सम्मान की बातें करते हैं, लेकिन उनके अधिकारी महिला आदिवासी के साथ जिस तरह का सलूक किया वह सबके सामने है। सावित्री सिंह ने सीएम से पूछा है कि क्या उनकी नीतियां केवल भाषणों तक ही सीमित हैं। यदि ऐसा नहीं है तो एक महिला के सांथ ऐसी निम्न हरकत करने वाले कलेक्टर को तत्काल दंडित करें, अन्यथा आदिवासी समाज उन्हे माफ नहीं करेगा।