नई दिल्ली    नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है। अब यह मुद्दा संसद में उठा है। गुरुवार को संसद की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। राहुल गांधी भी संसद पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम नरेंद्र मोदी से नहीं डरते हैं। उन्हें जो करना है, कर ले, हम नहीं डरेंगे। संसद में हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है। प्रदर्शन करने से भी रोका जा रहा है, लेकिन सच्चाई की बैरिकेटिंग नहीं की जा सकती है। इससे पहले बुधवार को हेराल्ड हाउस स्थित यंग इंडिया के दफ्तर को प्रवर्तन निदेशालय ने सील कर दिया गया। ईडी के अनुसार फिलहाल इसे अस्थायी तौर पर सील किया गया है। एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) का मालिकाना हक यंग इंडिया के पास ही है। मालिकाना हक के ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया की ईडी जांच कर रही है और मंगलवार को नेशनल हेराल्ड समेत यंग इंडिया के दफ्तर की भी तलाशी ली थी। इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई। इस पर कांग्रेस भड़क गई।

नेशनल हेराल्ड घोटाले के केंद्र में यंग इंडिया ही है। 2010 में पांच लाख रुपये की पूंजी से गैरलाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत हुई यंग इंडिया एक साल के भीतर ही हजारों करोड़ संपत्ति वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की पूरी तरह से मालिक बन गई। एजेएल के 100 फीसद शेयर का यंग इंडिया में ट्रांसफर कांग्रेस पार्टी की ओर दिए गए 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए किया गया था। यंग इंडिया में एजेएल के शेयर ट्रांसफर होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सारा लोन माफ भी कर दिया। यंग इंडिया में 76 फीसद हिस्सेदारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है। उनसे ईडी लंबी पूछताछ कर चुकी है। ईडी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी पूछताछ कर चुकी है। मंगलवार को सुबूतों की तलाश में ईडी ने नेशनल हेराल्ड के साथ ही यंग इंडिया और उसे एक करोड़ की राशि ट्रांसफर करने वाली कोलकाता स्थित कंपनी के ठिकानों की भी तलाशी ली थी। यंग इंडिया के दफ्तर को सील करने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह जांच की तकनीकी प्रक्रिया के तहत किया गया है। उनके अनुसार मंगलवार को तलाशी के दौरान यंग इंडिया के दफ्तर में एक भी जिम्मेदार कर्मचारी या अधिकारी मौजूद नहीं था। पर्याप्त समय दिए जाने के बाद भी उनमें से कोई नहीं पहुंचा। जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी की अनुपस्थिति में यंग इंडिया के दफ्तर में तलाशी की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। इसी कारण बुधवार को यंग इंडिया का दफ्तर सील करने का फैसला किया गया।