भोपाल । मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने संयंत्रों का बकाया 233 करोड़ रुपए भुगतान कर दिया है। अब इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) से लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है। आईईएक्स ने ही संयंत्र का बकाया होने की वजह से प्रतिबंध लगाया था, जिस वजह से मध्य प्रदेश समेत 13 राज्य बिजली खरीदी और बेचने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे थे। बीते गुरुवार की आधी रात से यह रोक लगी थी।
वर्तमान में प्रदेश की मांग सामान्य थी, जिस वजह से बिजली की समस्या तो नहीं हुई लेकिन बैकिंग का सिलसिला दो दिन के लिए टूट गया। हर दिन करीब 1400 मेगावाट बिजली की बैकिंग मप्र कर रहा था। इस हिसाब से दो दिन में करीब 2800 मेगावाट बिजली की बैकिंग नहीं हो सकी। यह बिजली पंजाब, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और पं. बंगाल को दी जा रही थी।
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य अभियंता पावर मैनेजमेंट फिरोज मेश्राम ने कहा कि आईईएक्स के प्रतिबंध से मध्य प्रदेश अधिक प्रभावित नहीं हुआ। प्रदेश के पास सरप्लस बिजली थी जिस वजह से हम बैकिंग रहे है। बैकिंग में हम अन्य राज्यों को बिजली उधार के तौर पर देते हैं ताकि जब हमें जरूरत हो तो उस वक्त उस राज्य से हम वापस बिजली ले सके। ये बैकिंग की प्रक्रिया रबी सीजन के लिए की जाती है। उस वक्त मप्र में बिजली की मांग सर्वाधिक होती है। आगामी रबी सीजन तक मध्यप्रदेश में बिजली की मांग 16800 मेगावाट के ऊपर पहुंच जाएगी। सिर्फ यही नहीं अगले आठ साल यानी 2029 तक बिजली की मांग प्रदेश में करीब 23 हजार मेगावाट होने का अनुमान है। ये बढ़ोतरी 6100 मेगावाट के आसपास होगी।
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने इस आंकलन के हिसाब से ही बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार मप्र की ज्यादा से ज्यादा बिजली बैकिंग करने पर जोर दे रही है ताकि रबी सीजन के वक्त उसे यह बिजली मिल पाए। 1400 मेगावाट हर दिन की बैकिंग- फिरोज मेश्राम ने बताया कि हर दिन करीब 1400 मेगावाट की बैकिंग चार राज्यों में हो रही है। 19 अगस्त को सिर्फ प्रतिबंध की वजह से बैकिंग नहीं हो पाई। शनिवार को भुगतान की प्रक्रिया हुई है लेकिन शाम तक केंद्र सरकार की तरफ से इस संबंध में प्रक्रिया पूरी करने में रात हो गई। रात्रि करीब पौने नौ बजे प्रतिबंध खत्म हुआ। इस वजह से दिनभर बैकिंग नहीं हुई। अफसरों का दावा है कि आधी रात से संभवत: प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। ऐसे में दोबारा मप्र बैकिंग की प्रक्रिया शुरू करेगा। ज्ञात हो कि बिजली सयंत्रों को मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी को 233 करोड़ देना था। इसी बकाया की वजह से आईईएक्स ने प्रतिबंध लगाया था।