भोपाल । बिजली बिल बकाया होने पर उपभोक्ता के घर-दुकान का कनेक्शन काटने वाले बिजली अफसर नियम का उल्लघंन करते हैं। उपभोक्ता को बिना 15 दिन की पूर्व सूचना दिए ही उनके बिजली कनेक्शन को नहीं काटा जा सकता है। यह नियम राज्य सरकार के विद्युत अधिनियम 2021 में दर्ज है। इसके बावजूद अफसर वसूली के दबाव में इस आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। दिन-रात किसी भी वक्त बिजली की सप्लाई को काटा जा रहा है। यहां तक कि कुर्की तक की कार्रवाई की जा रही है। इधर, अफसरों का दावा है कि बिजली बिल 15 दिन पूर्व जारी किया जाता है, एक तरह से यही नोटिस होता है। राजधानी के एक उपभोक्ता के घर 30 अगस्त को बिजली विभाग की टीम शाम के वक्त पहुंची और कनेक्शन काट दिया। उपभोक्ता के घर अभी तक अंधेरे में रहने मजबूर है। उनका आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के कनेक्शन काटा गया। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से समय पर बिल नहीं जमा कर पाए। ऐसी स्थिति प्रदेशभर की है। बिजली कनेक्शन विच्छेद होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को दोबारा कनेक्शन जुड़वाने के लिए 340 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होता है। बिजली विभाग इसकी बकायदा रसीद काटती है।

नियम ये है
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मप्र विद्युत प्रदाय संहिता 2021 में उल्लेख है कि उपभोक्ता निर्धारित तिथि तक देयक का पूर्ण भुगतान करने में चूक करता है तो उपभोक्ता का सेवा नियोजन अस्थायी रूप से विच्छेद किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से पूर्व उपभोक्ता को 15 दिन पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। घरेलू कनेक्शन विच्छेदन के पूर्व यह प्रयास हो कि घर के वरिष्ठ सदस्य को इसकी सूचना दी जाए। बिजली कनेक्शन विच्छेद होने के पश्चात यदि बिजली बिलों का बकाया देयक भुगतान करता है तो इसके छह घंटे के भीतर उपभोक्ता के घर का कनेक्शन दोबारा जोड़ा जाना चाहिए। सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि बिजली उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान बिजली वितरण कंपनी को रखना चाहिए। उपभोक्ता को नियम के अनुसार 15 दिन पूर्व सूचना देकर ही बिजली कनेक्शन विच्छेद किया जा सकता है। ऐसा नहीं किया जा रहा है। कंपनी प्रबंधन के दवाब में अफसर रात के वक्त कनेक्शन काट रहे हैं ताकि उपभोक्ता परेशान होकर बिल जमा करे। ये नियम संगत नहीं है।