भोपाल।  मध्यप्रदेश में बच्चों की पढ़ाई और उनके शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। इसके अंतर्गत स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को सोना खिलाया जा रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सक बताते हैं कि सोना युक्त दवा खाने से बच्चों को हर तरह का लाभ मिलता है। स्कूली बच्चों के लिए स्वर्ण प्राशन अमृत जैसा काम करता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार का आयुष विभाग हर माह स्वर्ण प्राशन संस्कार का आयोजन कर रहा है। बैतूल के टिकारी स्थित सरकारी जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में 27 अप्रेल गुरुवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण प्राशन कराया जाएगा जिसमें बच्चों को सोना युक्त दवा खिलाई जाएगी। 6 माह से 16 साल तक के बच्चों को स्वर्ण प्राशन का लाभ मिलेगा। यहां सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बच्चों के लिए स्वर्ण प्राशन के लिए विशेष शिविर लगेगा। यहां शुगर की भी जांच की जाएगी। स्वर्ण प्राशन से न केवल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है बल्कि यह मौसमी बीमारियों से भी उनकी रक्षा करता है- आयुष अधिकारी बताते हैंं कि स्वर्ण प्राशन से न केवल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है बल्कि यह मौसमी बीमारियों से भी उनकी रक्षा करता है। स्वर्ण प्राशन से कई प्रकार की एलर्जी से बच्चों का बचाव होता है। उनका पाचन तंत्र मजबूत होता है। बच्चों का उचित शारीरिक एवं मानसिक विकास भी होता है।