मुख्यमंत्री को कर्मचारी मंच ने ज्ञापन सौंपा


भोपाल । राज्य सरकार  ने शासकीय कर्मचारियों के प्रथम प्रसूति पर नसबंदी कराने पर अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने के आदेश पर लगी रोक को हटाते हुए अब शासकीय कर्मचारी के परिवार में जुड़वा बच्चे भी प्रथम प्रसूति में होते हैं और शासकीय कर्मचारी या उसकी पत्नी नसबंदी कराती है  तो भी शासकीय कर्मचारी को अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने का निर्णय लिया है। सरकार कर्मचारी की त्याग का सम्मान करें क्योंकि मात्र 100 की वेतन वृद्धि से कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। इस निर्णय पर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर पुनर्विचार करने की मांग की है कि राज्य सरकार आदेश में संशोधन करके शासकीय कर्मचारियों को प्रथम प्रसूति पर नसबंदी कराने पर पदोन्नति और दूसरे प्रसूति पर नसबंदी कराने पर अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने का आदेश जारी करें।  
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडेय ने  बताया कि तत्कालीन सरकार ने 11 जुलाई 2019 को आदेश जारी करके शासकीय कर्मचारी के सूट के बाद नसबंदी कराने पर मिलने वाले लाभ पर रोक लगा  थी । अब सरकार ने 11 जुलाई 2019 के आदेश को विलोपित करते हुए  9 जून को नयाआदेश जारी किया है कि प्रथम प्रसूति में यदि जुड़वा बच्चे भी होते हैं और शासकीय कर्मचारी नसबंदी कराता है तो भी अग्रिम वेतन वृद्धि का  लाभ दिया जाएगा। कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरकार  वास्तविक रूप में कर्मचारियों को कम संतान में नसबंदी कराने पर सरकारी लाभ देना चाहती है तो सरकारी कर्मचारी की त्याग का सम्मान करें। कर्मचारियों को पदोन्नति एवं वेतन वृद्धि दोनों का लाभ क्रमवार  प्रथम प्रसूति एवं द्वितीय प्रसूति पर देने का काम करें प्रथम प्रसूति पर यदि शासकीय कर्मचारी के पति या पत्नी में कोई भी नसबंदी कराता है तो उसे पदोन्नत का लाभ दिया जाए और द्वितीय प्रसूति पर नसबंदी कराता है तो उसे अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। यह निर्णय प्रदेश की 7:50 लाख कर्मचारियों के हित में होगा क्योंकि प्रदेश का हजारों महिला पुरुष कर्मचारी प्रतिवर्ष सरकार की नसबंदी योजना को अपना रहा है। लेकिन कर्मचारी को नसबंदी कराने के बाद सरकार से वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है इसलिए सरकार निर्णय पर पुनर्विचार करके कर्मचारी हित में निर्णय लेने का काम करें।