भोपाल। टीटी नगर पुलिस ने वन विभाग से रिटायर्ड डीएफओ की शिकायत पर मुंबई के फिल्म निर्माता के खिलाफ चार सौ बीसी का मामला कायम किया है। आरोप है कि फिल्म निर्माता ने फिल्म बनाने का झांसा देकर फरियादी से पचास लाख रुपए ले लिए। इसके बाद न तो उसने फिल्म का निर्माण किया और न हीं उनकी रकम वापस लौटाई। पुलिस के मुताबिक ओल्ड टीटी, नगर जवाहर चौक में रहने वाले 69 वर्षीय दिनेश कुमार दुबे ने लिखित शिकायत करते हुए बताय की वह वन विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं, उनका एक मकान चूनाभटटी में है। उनका बेटे मनुराज दुबे को फिल्मों की कहानी लिखने का शौक है। साल 2019 के अगस्त माह में उनका चूनाभट्टी स्थित मकान प्रभुराज नायडू (54) ने किराये पर लिया था। प्रभुराज ने बताया था की वह शेक चिली फिल्म के निमार्ता है, और उनका कार्यालय-2013 रुस्तमजी लांजा माइन्ड स्पेस मलाड (वेस्ट मुम्बई) में और एक कार्यालय स्ट्रेलिंग ग्लोब ग्रांड रोड होशंगाबाद रोड भोपाल में है। पहचान बढ़ने पर प्रभुराज ने दिनेश कुमार को बताया कि उसने अब तक कई फिल्मों का निर्माण किया है। उसकी बातों में आकर दिनेश ने उसे बताया की उनका बेटा मनुराज फिल्मो की कहानी लिखता है, साथ ही उन्होनें अपने बेटे द्वारा लिखी कहानी प्रभुराज को बताई थी। बाद में प्रभुराज ने दिनेश और उनके बेटे मनुराज से कहा कि वह इस कहानी पर फिल्म निर्माण करना चाहते है। लेकिन फिल्म बनाने में करीब एक करोड़ की लागत आएगी। इसमें से पचास लाख की रकम वह खर्च करेंगा और पचास लाख रुपए दिनेश कुमार को लगाने होगें। साथ ही यह भी कहा कि फिल्म निर्माण के बाद जो भी प्रॉफिट होगा उसे बराबर बाट लिया जाएगा। बातचीत तय होने पर उनके बीच एग्रीमेंट किया गया। अनुबंध की शर्तो के मुताबिक दिनेश कुमार ने फिल्म निर्माण के लिए अपने युनियन बैंक आफ इंडिया के खाते से चैक के जरिये पहली बार 5 लाख, दूसरी बार 4 नवंबर 2019 को चेक द्वारा दौबारा पांच लाख रुपए दिए। बाद में 15 नवंबर को 10 लाख रुपए दे दिए। फरियादी ने पुलिस को आगे बताया की वे फिल्म निर्माण के लिए प्रभुराज नायडु को 40 लाख रुपए दे चुके थे। साथ ही 10 लाख रुपए आफिस का किराया और फिल्म निर्माण के नाम पर कुल पचास लाख रुपए दे चुके थे। रकम देने के बाद दिनेश कुमार और प्रभुराज नायडु की मोबाइल और व्हाट्एएप पर चैटिंग के जरिये फिल्म बनाने को लेकर बराबर बातचीत होती थी। लेकिन प्रभुराज लगातार उनसे टालमटोल कर कहता की अभी फिल्म बनाने के लिये उचित समय नहीं है। 
आरोप है कि इस तरह प्रभुराज ने चार साल निकाल दिये लेकिन फिल्म बनाने को लेकर न तो कोई तैयारी की और न ही उसकी कोई समय बता रहा है। परेशान होकर दिनेश कुमार पुलिस के पास पहुंचे। आवेदन की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।