नई दिल्‍ली । संसद के मानसून सत्र का समापन होने वाला है। इस 16 दिवसीय मानसून सत्र के दौरान संसद में काफी सियासी घमासान देखने को मिला। मणिपुर हिंसा, दिल्‍ली सेवा बिल, अविश्‍वास प्रस्‍ताव जैसे मुददों पर संसद के दोनों सदनों में काफी हंगामा दिखाई दिया। इस दौरान कई सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्‍पेंड भी किया गया। 
मानसून सत्र के दौरान मणिपुर के मुद्दे पर दोनों सदनों में कार्यवाही को विपक्ष ने चलने नहीं दिया। विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़ा हुआ था। वहीं, मोदी सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। इसकारण एक सप्‍ताह से भी अधिक वक्‍त तक संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका। 
आठ से 10 अगस्‍त तक संसद में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगई प्रस्‍ताव को लेकर आए थे, जिसका इंडिया गठबंधन ने समर्थन किया। इस दौरान अमित शाह, राहुल गांधी, स्‍मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण जैसे बड़े नेताओं के बीच तीखी बहस देखने को मिली। 
अविश्‍वास प्रस्‍ताव के अंतिम दिन संसद में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण हुआ।  उन्‍होंने कहा कि उनका एनडीए गठबंधन अगले साल फिर लोकसभा चुनाव जीतेगा और 2028 में विपक्ष फिर उनके खिलाफ इसतरह का अविश्‍वास प्रस्‍ताव लेकर आएगा। 
पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा पर देश को आश्‍वासन दिया। उन्‍होंने कहा कि केंद्र और राज्‍य सरकार मुद्दे पर हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित सभी वहां लोगों को बताना चाहता हूं कि पूरा देश आपके साथ है।  पीएम ने मणिपुर पर राजनीति नहीं करने का अनुरोध किया। 
लोकसभा में ध्‍वनि मत से अश्विवास प्रस्‍ताव पर वोटिंग हुई, इस पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने आसानी से जीत लिया। विपक्षी नेताओं ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर वोटिंग के दौरान संसद से वॉकआउट किया। इसपर पीएम ने कहा, ‘जो लोग लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करते वे हमेशा टिप्पणी करने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन सुनने का धैर्य नहीं रखते। 
केंद्र संसद के दोनों सदनों में दिल्‍ली सेवा बिल पास कराने में सफल रही। राज्‍यसभा में संख्‍या बल कम होने के बावजूद उन्‍हें बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस का साथ मिला। संसद में मानसून सत्र के दौरान डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्‍शन बिल भी पास हुआ। इसके तहत अब ग्राहकों का निजी डेटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर करने की स्थिति में दोषी कंपनी पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता बहाल भी मानसून सत्र के दौरान ही हुई। जिसके बाद उनकी संसद भवन में वापसी हुई। राहुल गांधी ने संसद में अविश्‍वास प्रस्‍ताव के दौरान अपना पक्ष रखा। हालांकि उनके द्वारा किए गए कुछ इशारों पर सत्‍ता पक्ष की महिला सांसदों द्वारा विरोध जताया गया।