नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के संबंध च्रद्रयान के समान हैं, जो अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच रहे हैं उन्होंने कहा ‎कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उन्हें एक अलग स्तर तक लेकर जाएगी। ये द्विपक्षीय संबंध चंद्रयान की तरह चांद पर और उससे भी परे पहुंचेंगे। भारतीय दूतावास द्वारा शनिवार को यहां आयोजित ‘सेलिब्रेटिंग कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से ‘इंडिया हाउस’ में एकत्र हुए सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा ‎कि आज एक स्पष्ट संदेश है कि हमारा रिश्ता अब तक के उच्चतम स्तर पर है, लेकिन जैसा कि अमेरिका में कहा जाता है कि आपने अभी तक कुछ भी नहीं देखा है, हम इन संबंधों को एक अलग स्तर, एक अलग जगह ले जाने वाले हैं। जयशंकर ने कहा कि जी20 की सफलता अमेरिका के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा ‎कि जब चीजें अच्छी होती हैं, तो हमेशा मेजबान को इसका श्रेय मिलता है। 
एस. जयशंकर ने भारतीय-अमेरिकियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा ‎कि मैं आज इस देश में हूं, खासकर इसलिए मुझे यह कहना चाहिए कि जी20 को सफल बनाने के लिए जो योगदान, जो सहयोग और समझ हमें अमेरिका से मिली, उसकी मैं वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक तौर पर सराहना करना चाहूंगा। उन्होंने कहा, तो, शाब्दिक रूप से यह हमारी सफलता हो सकती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह जी20 (राष्ट्रों) की सफलता थी। मेरे लिए, यह भारत-अमेरिका साझेदारी की भी सफलता थी, कृपया इस साझेदारी को वह समर्थन देते रहें, जिसकी उसे आवश्यकता है, जिसकी यह हकदार है और जिसकी अपेक्षा है। 
‎विदेश मंत्री ने कहा ‎कि मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि ये संबंध चंद्रयान की तरह चंद्रमा तक, शायद उससे भी आगे तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मानवीय संबंध इस द्विपक्षीय संबंध को और अनूठा बनाते हैं। जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का अत्यधिक योगदान है। उन्होंने कहा ‎कि इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसी आधार के सहारे हम आगे देख रहे हैं, क्षितिज पर नयी आशा देख रहे हैं, इसलिए, मुझे लगता है कि जब हम क्षितिज को देखते हैं, तो हमें वहां वास्तव में शानदार संभावनाएं दिखाई देती हैं और यह समुदाय ही इन्हें संभव बनाएगा।