हमीरपुर । देश की खु‎फिया इजें‎‎सियों की मानें तो एनआईटी के भीतर व बाहर नशे का कारोबार होता है। बता दें ‎कि दुनिया को हजारों इंजीनियर, रिसर्चर देने के साथ अनेक आईपीएस व आईएएस दे चुके राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर में छात्र सूजल की मौत से चंद दिन पहले सरकार की खुफिया एजेंसियों ने संस्थान के भीतर व बाहर नशा बिकने की आशंका जताई थी। इस संबंध में बाकायदा रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी गई थी। साथ ही यहां पर पुलिस को अलर्ट रहने की हिदायत जारी की थी। इसके कुछ दिन बाद ही संस्थान में छात्र की मौत का मामला सामने आ गया। रिपोर्ट में साफ कहा था कि संस्थान के नजदीक जंगल क्षेत्र भी है तथा एकांत होने के कारण नशे की गतिविधियां बढ़ रही हैं। संस्थान के छात्रों को अंदर व बाहर नशा मुहैया हो रहा है। रिपोर्ट में बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताने के साथ ठोस कदम उठाने की पैरवी की गई है। इतने बड़े शिक्षण संस्थान को लेकर खुफिया एजैंसियों की चेतावनी को नजरअंदाज करना भी भारी पड़ गया। संस्थान में करीब साढ़े 4 हजार से 5 हजार छात्र विभिन्न राज्यों से यहां अध्ययनरत हैं। 
गौरतलब है ‎कि पुलिस ने वर्ष 2022 की शुरूआत में एनआईटी हमीरपुर के पास देई का नौण पंचायत के पन्याला क्षेत्र में शराब की अवैध फैकटरी का भंडाफोड़ भी किया था। जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत हो गई थी। बताते हैं कि एनआईटी क्षेत्र के आसपास नशे का जाल बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, जिसके खात्मे के लिए विशेष टीम गठित करनी चाहिए तथा सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि हिमाचल में नशे के धंधे में संलिप्त बड़ी मछलियों को बेनकाब करने के लिए राज्य पुलिस को केंद्रीय जांच एजैंसियों के साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए, ताकि बाहरी राज्यों से प्रदेश में नशा तस्करी करने वालों पर नकेल कसी जा सकी। उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर जैसे बड़े संस्थान में सामने आया मामला चौंकाने वाला है।