हिंदू धर्म में गंगा स्नान का बेहद ही खास महत्व होता है. माघ महीने में गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. विशेष कर माघ महीने की मौनी अमावस्या के दिन. मौनी अमावस्या के दिन मुनियों सा आचरण किया जाता है, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं. अगर जातक इस दिन व्रत रखकर गंगा स्नान करता है तो सभी तरह के पाप धुल जाते हैं. इसके साथ ही पितृ दोष और शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है. तो आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि कब है मौनी अमावस्या और इस दिन का क्या महत्व है.

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि माघ महीने में मौनी अमावस्या के व्रत का खास महत्व होता है. वहीं 9 फरवरी को मौनी अमावस्या का व्रत रखा जाएगा. इस दिन जातक बिना कुछ बोले व्रत का पालन करती हैं. मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं. अगर जातक इस दिन गंगा किनारे पिंडदान करते हैं. इसके साथ ही पीपल पेड़ में जल अर्पण करने से और संध्या के समय दीपक जलाने से इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है.

कब से शुरू हो रही है मौनी अमावस्या
ज्योतिषआचार्य बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सुबह 7 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रहा है और समापन अगले दिन 10 फरवरी सुबह 04 बजकर 52 मिनट में होने जा रहा है. पूरा उदया तिथि 9 फरवरी को है. इसलिए 9 फरवरी को ही मौनी अमावस्या का गंगा स्नान किया जाएगा. इसके साथ ही व्रत भी 9 फरवरी को ही रखा जाएगा.