नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव को आइना दिखाते हुए साफ कहा कि भारत हमेशा ही पड़ोसी देशों का मददगार रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की एक टिप्पणी पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत इस उपमहाद्वीप में धौंस जताने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा, आप अगर भारत को बड़ा बदमाश बताते हैं तो एक बात ध्यान रखिए कि बदमाश 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं किया करते हैं। कोविड के समय दूसरे देशों को वैक्सीन नहीं भेजते हैं। युद्धग्रस्त इलाकों में अनाज से लेकर उर्वरक और दवाइयां तक नहीं भिजवाते हैं। आज भारत की सराहना पूरी दुनिया करती है। संकट के समय में भारत ने हर देश की मदद की है। बता दें कि मुइज्जू ने  ऐलान किया था कि भारतीय सेना की पहली टुकड़ी 10 मार्च तक भारत वापस भेज दी जाएगी। इसके बाद बाकी की दो टुकड़िओं को 10 मई तक वापस किया जाएगा। मालदीव के राष्ट्रपति चीन के घोर समर्थक हैं और ऐसे में वह अपने हितों को नजरअंदाज करके भारत का विरोध करने पर तुले हैं। मुइज्जू का कहना है कि उनके देश में कोई भी विदेशी सेना मौजूद नहीं रहनी चाहिए।
मालदीव और भारत के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब मुइज्जू के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। हालांकि घरेलू दबाव के चलते ही मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप के पर्यटन को विस्तार देने के लिए तस्वीरें शेयर की थीं। इसके बाद मुइज्जू के मंत्रियों ने इसपर आपत्तिजनकर टिप्पणी की थी। इसका विरोध मुइज्जू सरकार को अपने घर में भी करना पड़ा। जयशंकर ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव में बीते कुछ सालों में ही भारत का निवेश तेजी से बढ़ा है। आज जिस तरह का व्यापार पड़ोसी देशों के साथ हो रहा है, वह भी एक बयां करने वाली कहानी है। मैं इस लिस्ट से मालदीव को अलग नहीं कर रहा हूं। मालदीव के साथ भी अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। इस मामले में मैं भूटान का नाम नहीं भूल सकता क्योंकि दोनों देशों के बीच बेहद गहरे और मजबूत संबंध हैं। हम एक दूसरे का सम्मान भी बहुत करते हैं।