श्योपुर ।  जिले में पिछले 3 दिन से हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर आने से लोगों की जान पर बन आई है। शनिवार को मयापुर गांव में 3 किशोरी और एक युवती के बाद रविवार को जंगल में लकड़ी काटने गई दंपती के डूबने का मामला सामने आया है। पति का शव रात 7.30 बजे ढाबा गांव के पास मिला है। जबकि पत्नी का शव सोमवार सुबह 7.30 बजे आवदा डैम खदान के पास मिला है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक 45 वर्षीय रामस्वरूप आदिवासी पुत्र दिलीपा आदिवासी रविवार दोपहर करीब 11.30 बजे 40 वर्षीय पत्नी साबी बाई निवासी कैरका के साथ जंगल में लकड़ी काटने के लिए गए थे। बताया जाता है, कि लकड़ी काटकर जब दंपति सिर पर गठ्ठर रखकर वापस लौट रहे थे, तभी आवदा डैम में आ रहे पानी के बहाव की चपेट में दंपति आ गए। इधर जब शाम तक वह घर नहीं पहुंचे तो स्वजनों ने तलाश की और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सर्चिंग शुरू की तो डैम से करीब 1 किमी दूर ढाबा गांव के पास रामस्वरूप आदिवासी का शव मिल गया। इसके बाद पुलिस ने साबी बाई की तलाश की, लेकिन रात में काेई सफलता नहीं मिली। पुलिस ने सोमवार सुबह फिर से सर्चिंग अभियान चलाया। करीब 7.30 बजे आवदा डैम खदान के पास साबी बाई का भी शव मिल गया। पुलिस ने शव को पीएम के लिए बड़ौदा अस्पताल िभजवाया। बताया जाता है, कि दंपति के मौत से कैरका गांव का माहौल गमगीन हो गया है। मृतक दंपति अपने पीछे 4 बेटे और 1 बेटी को छोड़ गए हैं। रविवार को कैरका गांव से दंपति जंगल में लकड़ी काटने के लिए गया था। वापस आते समय पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गए। पति का शव रात मेंं ढाबा गांव के पास मिल गया था, जबकि पत्नी का शव आज सुबह डैम खदान के पास मिल गया है। सुखवीरसिंह राजावत, एएसआइ आवदा थाना