भोपाल । भोपाल सहकारी दुग्ध संघ ने मनमानी करते हुए सांची दूध के चाह नाम से मिलने वाले दूध के दाम में एक रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है। दूध के दाम में यह बढ़ोतरी 21 मार्च की सुबह से लागू हो चुकी है। पहले एक लीटर चाह दूध 48 रुपये में मिलता था, जो अब 53 रुपये में मिल रहा है। इस तरह यह दूध उपभोक्ताओं को चार रुपये की जगह पांच रुपये में बेचा जा रहा है। सरकार की तरफ से एमपी स्टेट कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) के प्रबंधक संचालक संजय गुप्ता ने दाम में प्रति लीटर चार रुपये तक की बढ़ोतरी करने की अनुमति दी थी। इसका असर 80 हजार उपभोक्ता व चाय पीने वाले दो लाख से अधिक आम लोगों पर पड़ रहा है। मनमर्जी से बढ़ाए गए दामों का खुलासा एमपीसीडीएफ द्वारा दाम बढ़ाने संबंधी आदेश के सामने आने के बाद हुआ है। अब भोपाल दुग्ध संघ इस मामलों को दबाने में जुटा है। दूसरी तरफ उपभोक्ता इस बढ़ोतरी को इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी बढोतरी बताकर निराश हैं। भोपाल दुग्ध संघ में सांची दूध की रोज मांग तीन लाख लीटर है। इसमें चाह वैरिएंट के दूध की मांग करीब 80 हजार लीटर है। ये उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित हैं जो सात दिन से एक रुपये लीटर महंगा दूध खरीद रहे हैं। इसमें भोपाल शहर के 50 हजार और नर्मदापुरम, सीहोर, विदिशा, बैतूल, हरदा, रायसेन, राजगढ़ के 30 हजार उपभोक्ता शामिल है। चाह दूध की खरीदी होटल व चाय ठेला चलाने वाले फुटकर दुकानदार ज्यादा करते हैं, जिन्होंने दूध महंगा होने के बाद चाय के दाम में एक से दो रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले भोपाल शहर में चाय गुमठियों से चाय पीने वाले दो लाख से अधिक लोग बढ़े हुए दाम से प्रभावित हो रहे हैं। ये वे चाय गुमठियों हैं जो चाय बनाने में सांची दूध का इस्तेमाल करती हैं। वैसे इनकी गुमठियों की संख्या हजारों में हैं और इनमें रोजाना चाय पीने वाले लाखों लोग हैं जो खुला दूध व दूसरे ब्रांड का दूध इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं, सांची के डबल टोंड वैरिएंट नामक दूध के दाम भी अनुमति से करीब 80 पैसे अधिक बढ़ा दिए हैं।बता दें कि भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के अलावा प्रदेश में पांच और सहकारी दुग्ध संघ हैं जो न लाभ न हानि सिद्धांत पर सांची ब्रांड के नाम से दूध का कारोबार करते हैं। सभी पर एमपीसीडीएफ नियंत्रण रखता है। एमपीडीसीएफ द्वारा 17 मार्च को दाम बढ़ाने संबंधी जारी आदेश भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के अलावा इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, बुंदेलखंड, ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघों के लिए भी था। इन संघों ने सरकार की बात मानी और चाह दूध के दाम में चार रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी नहीं की है। इंदौर ने तो कुछ वैरिएंट के दाम में तीन रुपये की ही बढ़ोतरी की है। भोपाल दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) आरपीएस तिवारी हैं। इन्होंने 19 मार्च को दाम बढ़ाने संबंधी आदेश जारी किए थे जो 21 मार्च से लागू हुए हैं। जबकि एमपीसीडीएफ ने 17 मार्च को अनुमति दी थी। सीईओ इस मामले को स्पष्ट करने से बच रहे हैं। इस बारे में मप्र एमपीसीडीएफ के प्रबंध संचालक संजय गुप्ता का कहना है कि  इस मामले की मुझे पूरी जानकारी नहीं है लेकिन नियमों से अलग जाकर जो भी काम करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ताओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इस बारे में  प्रमुख सचिव पशुपालन मप्र जेएन कंसोटिया का कहना है कि  एमपीसीडीएफ ने प्रति वैरिएंट के दाम प्रति लीटर चार रुपये तक बढ़ाने की अनुमति दी है तो इससे आगे जाकर भोपाल दुग्ध दूध महंगा नहीं कर सकता। मामले की जांच कराएंगे।