करेला एक ऐसी सब्जी है जिसके जितने नापसंद करने वाले हैं उतने ही चाहने वाले भी हैं। पेट से लेकर दिमाग और शरीर के अंदर पनप रहीं कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति के लिए करेला बुहत फायदेमंद है। यह एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ विटामिन ए और विटामिन सी एक भी एक बेहतरीन स्त्रोत है। ये सभी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

पाचन संबंधी समस्याएं- करेले में फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज, गैस, खट्टी डकार, बदहजमी जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।

दमा रोगियों के लिए - अस्थमा की शि‍कायत होने पर करेला चमत्कारी असर दिखाता है। दमा रोग में करेले की बगैर मसाले सब्जी खाने से लाभ मिलता है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता - करेले की पत्त‍ियों को पानी में उबालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और किसी भी प्रकार का संक्रमण ठीक हो जाता है।

बवासीर - खूनी बवासीर में करेला बहुत फायदेमंद है। एक चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शक्कर मिलाकर पीने से इससे राहत मिल सकती है।

त्वचा के लिए भी फायदेमंद - नींबू के रस के साथ करेले के रस को चेहरे पर लगाने से मुंहासे ठीक हो जाते हैं और त्वचा रोग नहीं होते।

जोड़ों में दर्द - जिन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है उन्हें नियमित रूप से करेले का सेवन करना चाहिए। घुटने के दर्द के लिए यह रामबाण इलाज है।

चोट लग जाने पर - चोट लग जाने की वजह से घाव बहुत गहरा हो गया है तो दिन में कम से एक बार किसी भी रूप में करेले का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे दर्द में राहत मिलती है और संक्रमण होने से भी बचाता है। इसके अलावा करेले की जड़ को पीसकर उसे घाव पर लगाने से वह जल्दी भर जाता है।

मुंह के छालों के लिए - करेले का रस निकालकर रूई की मदद से उसे छालों पर लगाएं, इससे छालों में आराम मिलता है।