रायपुर: शायद ही कोई हो जिसने ये कविता नहीं सुनी हो। इस कविता में शहीदों की चिताओं पर हर बरस मेले लगने की बात कही गई है। लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि शहीदो को याद करने के लिए साल में किसी एक दिन का इंतजार न किया जाए बल्कि उन्हें लोग हर दिन याद करें। इसी सोच के साथ बलरामपुर रामानुजगंज जिले में प्रदेश के पहले शहीद पार्क की स्थापना की गई है। मकर संक्रांति के दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस शहीद पार्क का लोकार्पण किया।

बलरामपुर में प्रदेश के पहले शहीद पार्क को लगभग चालीस लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया है, इसके निर्माण के लिए नगर पालिका को नोडल एजेंसी बनाया गया था।

बलरामपुर में देश के पहले शहीद पार्क को लगभग चालीस लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया है,

 देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत होंगे

बलरामपुर के शहीद चौक पर स्थापित इस पार्क में शहीद प्रधान आरक्षक लाजरुस मिंज, शहीद आरक्षक महेश राम पैंकरा, शहीद आरक्षक अनिल खलको, शहीद उप निरीक्षक नबोर कुजूर, शहीद प्रधान आरक्षक मनाजरूल हक, शहीद उप निरीक्षक मसीह भूषण लकड़ा, शहीद प्रधान आऱक्षक रामसाय राम की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।इनकी प्रतिमाओं के नीचे अमर शहीदों का बायोडाटा भी उकेरा गया है ताकि हर कोई इनके अतुल्य योगदान के बारे में जान सके। देश के इन वीर सपूतों को देखने के लिए शहीद पार्क में लोगों की भीड़ उमड़ रही है और इससे इन शहीदों को वो सम्मान मिल रहा है जिनके ये हकदार हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस  पहल के बाद अब शहीदों को याद करने के लिए साल में एक बार उनको याद नहीं किया जाएगा बल्कि हर दिन हर पल लोग देश के लिए मर मिटने वाले इन शहीदों को याद करेंगे और इनकी कुर्बानी की दास्तान सुनकर देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत होंगे।