भोपाल ।   मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली बिल राहत शिविर में आने वाले लोगों की संख्या पूछी, तो रायसेन कलेक्टर बता नहीं पाए, इस पर चौहान ने कहा कि मैं संतुष्ट नहीं हूं। कलेक्टर ने 116 शिविर लगाकर हितग्राहियों को 102.95 करोड़ रुपये की राहत देने की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री बुधवार सुबह सात बजे रायसेन और नरसिंहपुर जिले की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा तंत्र बनाइए कि कोई पैसे खाने की कोशिश करे, तो आपको जानकारी मिल जाए। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को निश्शुल्क रेत देने को कहा है। रेत मिलने से गरीब के आवास की लागत कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कुछ संगठन समाज को तोड़ने और देश को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। उन्हें चिन्हित करें। समाज में विद्वेष फैलाने वालों और समुदायों को एक-दूसरे के प्रति भड़काने वालों से सतर्क रहने की हिदायत दी। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए खिलौने का इंतजाम करें, इसमें मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि नेतृत्व करें।


उन्होंने दोनों जिलों में पेयजल आपूर्ति, राशन वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य, स्वास्थ्य व्यवस्था, आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन, अमृत सरोवर योजना, कानून व्यवस्था की स्थिति और अपराधियों-माफियाओं से भूमि मुक्त कराने की समीक्षा की। वहीं एक जिला-एक उत्पाद में संचालित गतिविधि,महिला स्व-सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित कार्य और लाड़ली लक्ष्मी के मार्गदर्शन व कैरियर काउंसलिंग के लिए स्थापित व्यवस्था की जानकारी ली। मंडीदीप (रायसेन) में पेयजल समस्या की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह को बैठक में वर्चुअल शामिल कराया और पेयजल समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिए। वहीं प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे को बैठक से जोड़कर नरसिंहपुर जिले के जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने में हो रही देरी और बिजली बिल राहत योजना में लगाए गए शिविरों का फिर से आकलन कर बिजली सम्मेलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिविर रस्म अदायगी के लिए न हों।

291 हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई

रायसेन कलेक्टर ने बताया कि जिले में 20 करोड़ रुपये मूल्य की 86 हेक्टेयर और नरसिंहपुर कलेक्टर ने बताया कि 205 हेक्टेयर भूमि अपराधियों-माफियाओं से मुक्त कराई गई है।

गाडरवारा सीएमओ एपी सिंह को हटाया

मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद बुधवार शाम गाडरवारा सीएमओ एपी सिंह को हटा दिया गया है। उनकी कार्यप्रणाली ठीक न होने और जनता से संवादहीनता की शिकायतें मिल रही थीं। इस कारण सरकारी कार्यों में देरी हो रही थी। जिले की समीक्षा के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री ने उन्हें लेकर नाराजगी जताई थी।