नई दिल्ली । चीन की सरकार की ताइवान पर दादागीरी के बाद अब वहां के हाकर्स भी बदमाशी पर उतर आए हैं। चीन में चल रही तनातनी अब रियल वर्ल्ड से साइबर वर्ल्ड में प्रवेश कर चुकी है। रूस यूक्रेन युद्ध की तरह ही यहां भी साइबर अटैक और हैकिंग के मामले धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। चीनी हैकर्स ने ताइवान की सरकारी वेबसाइट्स को हैक कर लिया। हैकर्स ने एक दो नहीं बल्कि ताइवान की कई सरकारी वेबसाइट्स को टार्गेट किया है। इसकी जानकारी ताइवान न्यूज ने दी है। इन वेबसाइट्स पर चीनी झंडा नजर आ रहा है। साइबर वर्ल्ड की तरह ही चीन ने ताइवान की वास्तविक दुनिया में भी घेराबंदी कर रखी है।
अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे की वजह से चीन भड़का हुआ है और लगातार ताइवान को डराने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए चीन में ताइवान के आसपास फायर ड्रिल शुरू कर दी है। ताइवान सरकार की एक वेबसाइट पर तो लगभग 10 घंटे तक चीनी झंडे की तस्वीर लगी रही। शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक ताइवान की सरकारी वेबसाइट पर चीन का झंडा दिखता रहा। चीन हर तरफ से ताइवान की घेराबंदी करने में जुट गया है। जहां साइबर वर्ल्ड में हैकर्स ताइवान को टार्गेट कर रहे हैं। वहीं रियल वर्ल्ड में चीन ने फायर ड्रिल शुरू कर दी है। व्यापार क्षेत्र में भी ताइवान को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ताइवान से चीन आने वाले शिपमेंट्स को रिव्यू और कस्टम जांच के नाम पर रोका जा रहा है। दिग्गज अमेरिकी कंपनी ऐपल ने इस संबंध में अपने सप्लायर्स को चेताया है। गुरुवार को मेड इन ताइवान का लेबल लगे होने की वजह से ऐपल के सप्लायर पेगा टर्न का शिपमेंट रिव्यू के लिए भेज दिया गया। हालांकि, इस बारे में ऐपल ने कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा है।सूत्रों की हवाले से आ रही खबरों की मानें तो किसी इंपोर्टेड डिक्लेरेशन फॉर्म, डॉक्यूमेंट या कार्टन पर 'मेड इन ताइवान' का लेबल होने पर शिपमेंट को कस्टम जांच का सामना करना पड़ रहा है।यहां तक की नियमों के उल्लंघन पर 4000 युआन (लगभग 47 हजार रुपये) का जुर्माना लग रहा है। इसके अलावा शिपमेंट रिजेक्ट भी हो सकता है।