जयपुर । राजस्थान में सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच गतिरोध बना हुआ है। सुलह के लिए अभी कोई रास्ता नहीं निकल पा रहा है। इस कारण पायलट खेमे की बेकरारी बढ़ती जा रही है। पायलट खेमे ने इस मामले को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन से मुलाकात की। पायलट समर्थकों ने हाईकमान से जल्द से जल्द पायलट को बड़ी जिम्मेदारी देने का आग्रह किया। इस दौरान कई दिन से चुप्पी साधे बैठे पायलट कैम्प के नेताओं के दिल की बात भी जुबां पर आ गईं। पायलट और गहलोत के बीच सीजफायर के चौथे दिन पायलट खेमे ने आखिरकार चुप्पी तोड़ ही दिया।
सचिन पायलट खेमे के चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि विवाद का पटाक्षेप हुए बिना कार्यकर्ताओं में जोश नहीं आएगा। पार्टी आलाकमान जल्द बताए कि सुलह का फॉर्मूला क्या है? एक एक करते चार दिन गुजर गए, लेकिन दिल्ली से पायलट गहलोत के सुलह फॉर्मूले की कोई खबर नहीं आई। राहुल गांधी अमरीका दौरे पर हैं, इसलिए लगता नहीं कि पायलट के लिए जल्द कोई भूमिका तय होती दिख रही है।
चाकसू के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि सीएम को पायलट की मांगों पर कार्रवाई करनी है तो करें, नहीं तो मना करें। उन्होंने कहा कि हम पायलट के साथ हैं और रहेंगे। पायलट हमारी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। वो पूरे प्रदेश के युवाओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने हाईकमान से जल्द मामले के समाधान की मांग की है।
वहीं फुलेरा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके विद्याधर चौधरी ने कहा कि जी-हुजूरी करने वालों की ही सुनी जाती है। पार्टी जीतने वालों को ही टिकट दे। विधानसभा क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा करके ही टिकट दिये जाने चाहिए, न कि हां में हां मिलाकर कांग्रेस को हराने वालों को तरजीह दी जानी चाहिए।