बद्ध कोणासन : पैरों को मोड़कर पंजों के निचले हिस्से को आपस में मिलाएं। हाथों से पैर के पंजों को अच्छी तरह पकड़ लें। सीने को हल्का सा बाहर निकालते हुए पोस्चर को सीधा करें। लंबी-गहरी सांस लें और छोड़ें। 3 से 5 बार सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया करें फिर रिलैक्स हो जाएं। इस आसन को तीन बार दोहराएं।

पश्चिमोत्तानासन : पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाते हुए पैर के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। इस स्थिति में जितनी देर आरामपूर्वक रह सकते है बने रहें। फिर हाथों को आराम से जांघों के बगल में रख लें। ऐसे ही आपको कम से कम तीन से पांच बार करना है।

जानु शिरासन : पैरों को सामने की ओर ही फैलाकर रखेंगे। अब बाएं पैर को मोड़कर, दाहिने जांघ के पास टिकाएं। सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाते हुए दाहिने पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस स्थिति में थोड़ी देर बने रहें। तो पहले दाहिने पैर से इस आसन को तीन से पांच बार पूरा करें फिर बाएं पैर से।

सेतुबंधासन : सेतुबंधासन योग आपके शरीर के ज्यादातर अंगों को चुस्त-दुरुस्त रखता है। इसके लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। फिर पैरों को मोड़कर पंजों को हिप्स के नज़दीक ले जाएं। हाथ से पैर के पंजों के पिछले हिस्से को पकड़ने की कोशिश करें। अब सांस भरते हुए हिप्स को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठाएं। ऊपर सांस रोककर रखना है फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं। इस आसन को भी 3 से 5 बार दोहराएं।

नौकासन : नौकासन से किडनी तो हेल्दी रहेगी ही साथ ही पेट की चर्बी भी तेजी से कम होती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। अब लंबी-गहरी सांस भरते हुए पैर के पंजों को मैट से तीन से चार इंच उठाएं और उतना ही शरीर के ऊपरी हिस्से को भी। हाथ बिल्कुल सामने रखें। नजरें पैर के पंजों पर टिकाएं। इस स्थिति में भी सांसों को रोककर रखते हैं लेकिन बहुत ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर आराम धीरे-धीरे सांस ले सकते हैं। 3 से 5 सेकेंड इस आसन में बने रहें फिर सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आ जाएं।