हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च, मंगलवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह की रात्री है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग-धतूरा, दूध, चंदन, भस्म जैसी कई वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। लेकिन अक्सर अनजाने में हम कुछ ऐसी वस्तुएं अर्पित कर देते हैं जिसके कारण भगवान शंकर कुपित हो सकते हैं। शिवपुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव की आराधना करते समय कौन सी वस्तुएं शिवलिंग पर अर्पित नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो वस्तुएं-

हल्दी
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुष तत्व माना जाता है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित मानी जाती है। यही कारण है कि शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित है। इससे भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं।

सिंदूर
भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है और सिंदूर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए लगाती हैं। इसलिए भगवान शिव पर सिंदूर चढ़ाना अशुभ माना जाता है। इसके स्थान पर भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है।

तुलसी दल
भगवान शिव को तुलसी भी अर्पित नहीं की जाती है।शिवपुराण के अनुसार जालंधर नाम के राक्षस को अपनी पत्नी वृंदा की पवित्रता और विष्णु जी द्वारा दिए गए कवच के कारण अमरता का वरदान मिला था। अमर होने के इस वरदान के कारण वह लोगों पर अत्याचार करने लगा, तो शिव जी ने उसका वध कर दिया। इससे नाराज वृंदा ने शिव जी को श्राप दिया के उनके पूजन में तुलसी का उपयोग वर्जित रहेगा।

शंख से जल चढ़ाना
शिव-पुराण में उल्लेख है कि शिव जी ने शंखचूड़ नाम के एक दैत्य का वध किया था इसलिए शिव जी को शंख से जल चढ़ाने पर या पूजा में शंख का उपयोग करने से वे नाराज हो सकते हैं।