मुंबई । महाराष्ट्र में बीते एक सप्ताह से जारी सियासी तूफान थम सकता है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दलों को फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाया है। खबर है कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में असम के गुवाहाटी में ठहरे बागी विधायक गुरुवार को मुंबई लौट सकते हैं। खबर है कि शिंदे के पास सत्तारूढ़ शिवसेना के करीब 39 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसके अलावा महाविकास अघाड़ी और कुछ निर्दलीय विधायक भी गुट का समर्थन कर रहे हैं। ज्यपाल कोश्यारी ने 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इसके लिए उन्होंने पत्र भी जारी कर दिया है। इस दौरान फ्लोर टेस्ट के जरिए सरकार को बहुमत साबित करनी होगी। यह पूरा सत्र सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगा। साथ ही पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सचिव राजेंद्र भागवत के नाम लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा ‎कि कुछ नेताओं की तरफ से भड़काऊ बयानों को देखते हुए मतदान प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने और संभावित कानून और व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए विधान भवन के अंदर और बाहर पर्याप्त सुरक्षा तैनात की जाएगी।
उन्होंने लिखा ‎कि प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख के तौर पर मैं सुनिश्चित करूंगा कि सरकार सदन विश्वास और समर्थन के साथ सुचारू रूप से चले। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए पत्र जारी कर दिया है। शिवसेना विधायक ने नए गुट की बात पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। वह अभी भी अपने आप को शिवसैनिक ही बता रहे हैं। साथ ही गुट के प्रवक्ता कहे जा रहे विधायक दीपक केसरकर भी शिवसैनिक होने की बात कही है। फिलहाल, इन विधायकों को मुंबई जाने की तैयारी करने के लिए कहा गया है। शिंदे ने बताया है कि फ्लोर टेस्ट के बाद विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
महाराष्ट्र में मंगलवार से ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई थी। एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली का रुख किया। वहीं, शिंदे ने भी होटल में विधायकों के साथ मंथन किया और होटल से बाहर आकर मीडिया से रूबरू हुए। इसके अलावा शिवसेना ने भी  कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। शिंदे गुट ने दो तिहाई बहुमत साबित करने का दावा किया है।