बजट में मनरेगा के ल‍िए कम आवंटन होने की खबरों के बीच व‍ित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने स्‍थ‍ित‍ि साफ की है। उन्‍होंने कहा क‍ि मनरेगा के लिए धन आवंटन कम नहीं हुआ है. यह एक मांग संचालित योजना है. जब मांग बढ़ती है, तो केंद्र धन प्रदान करता है. बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, बजट आवंटन एक बात है और यह योजना अपने आप में एक मांग आधारित योजना है, जब भी मांग बढ़ती है, हम इसके लिए धन उपलब्ध कराते हैं. यह 2014 के बाद से पिछले वर्षों में किया गया है.

सरकार ने फंड आवंटन बिल्कुल कम नहीं किया 

उन्होंने कहा, यदि आप पिछले वर्षों में देखें, तो हमने मनरेगा के लिए पूरक बजट में कुछ पैसे जोड़े हैं. यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी योजना के लिए आवंटन 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था. विशेष रूप से, 2022-2023 के बजट अनुमान (बीई) में 73,000 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले, वर्तमान आवंटन को घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था. गेहूं और चावल की खरीद के लिए फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे बिल्कुल भी कम नहीं किया है.

आयुष्मान भारत के लिए धन की कमी नहीं

सीतारमण ने कहा कि किसानों को दी गई कुल राशि बहुत अधिक है क्योंकि न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ गया है. उन्होंने कहा, खरीद पर खर्च की गई कुल राशि अब तक के उच्चतम स्तर पर है. आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन आंकड़ों में कोई कमी नहीं आ रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है.

'आवंटित धन कोई सब्सिडी नहीं

वित्त मंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए बजट में किए गए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन को साफ करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और संक्रमण के लिए आवंटित धन कोई सब्सिडी नहीं है. यह जीवाश्म ईंधन से हरित ऊर्जा में संक्रमण के लिए है. उन्होंने कहा कि फंड सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी रिफाइनरियों को उनके उत्सर्जन को कम करने के लिए अपग्रेड करने के लिए बनाया गया है।

एसबीआई पहले ही जोखिम पर बयान दे चुका

अडानी समूह की कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा, एसबीआई पहले ही अपने जोखिम पर एक बयान दे चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) केंद्र को प्रत्येक मामले की रिपोर्ट नहीं करता है. मामले की आज अदालत में सुनवाई हो रही है, इसलिए शायद मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं होगा.

इस बीच, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लिए इस बजट में सांकेतिक राशि का प्रावधान किया गया है क्योंकि यह योजना अपनी पूर्णता पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा कि केंद्रीय पीएसयू नाल्को को विनिवेश के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है.