नई दिल्ली । पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा कुमार जाते-जाते कांग्रेस लीडरशिप पर भी सवाल खड़े कर गए हैं। पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस लीडरशिप में दम नहीं है। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अश्विनी कुमार ने कहा 'कांग्रेस वह पार्टी नहीं है जो वह थी, हमारे पास पार्टी का नेतृत्व करने के लिए एक परिवर्तनकारी और प्रेरक नेतृत्व नहीं है मैंने न तो राजनीति छोड़ी है और न ही जनता की सेवा, मैं राष्ट्र के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करना जारी रखूंगा।' उन्होंने आगे कहा कि यह एक दर्द भरा फैसला था। मैंने काफी लंबा विचार किया और महसूस किया कि आज जिस तरह से कांग्रेस की आंतरिक प्रक्रियाएं चल रही हैं, मैं अपनी गरिमा और आत्मसम्मान के अनुरूप अब और आगे नहीं बढ़ सकता। मुझे लगा कि मेरे कंधे इतने मजबूत नहीं हैं कि उदासीनता का भार उठा सकें।  वरिष्ठ वकील कुमार मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे। वह 2002 से 2016 तक तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह अतिरिक्त सॉलीशीटर जनरल भी रह चुके हैं।   कुमार ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया है।