भोपाल ।  पदोन्नति में आरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोर्ट में पेश किए गए अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारियों के आंकड़ों से लेकर सभी मुद्दों पर बहस होगी। वहीं 'सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण संस्था (स्पीक)" ने कोर्ट की अवमानना मामले में भी सुनवाई का आवेदन लगाया है। दरअसल, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) ने पदोन्नति पर रोक के बावजूद कुछ अधिकारियों को पदोन्‍नत कर दिया था। मामले में विभाग के सचिव के खिलाफ याचिका दायर की गई है। संस्था के अध्यक्ष केएस तोमर ने बताया कि अवमानना मामले में कोर्ट से सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई 17 अगस्त को तय की है। इसमें सभी पहलुओं पर बहस होगी। मध्य प्रदेश में पिछले छह साल से पदोन्नति पर रोक है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को 'मप्र लोक सेवा (पदोन्नति ) नियम 2002" खारिज कर दिया है। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मई 2016 में यथास्थिति (स्टेटस-को) रखने के निर्देश दिए हैं। तब से प्रदेश में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदोन्न्ति पर रोक लगी है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण मामले में मुद्दे तय कर दिए हैं। इन्हीं को आधार बनाकर केंद्र और राज्यों के संदर्भ में फैसला आना है। मध्य प्रदेश के प्रकरण में राज्य सरकार ने भी अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कर्मचारियों का आंकड़ा प्रस्तुत कर दिया है।