अगरतला । पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में निरंतर हो रही भारी वर्षा आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। मूसलाधार वारिश के परिणामस्वरूप आई बाढ़ के कारण राज्य में 10 हजार से अधिक लोग बेघरवार हो गए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पश्चिमी त्रिपुरा जिले के सदर अनुमंडल में मूसलाधार बारिश के बाद आयी बाढ़ के कारण दो हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बाढ़ का प्रकोप पश्चिम त्रिपुरा जिले में अगरतला और उसके पड़ोस तक ही सीमित है, जहां हावड़ा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है और अगरतला नगर निगम तथा उसके पड़ोस के निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। हालांकि, बाढ़ के कारण किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के वरिष्ठ अधिकारी शरत कुमार दास के मुताबिक पश्चिम त्रिपुरा जिले में पिछले 24 घंटे में 155 मिमी बारिश हुई है, जिससे हावड़ा नदी के किनारे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। शरत कुमार दास ने कहा, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने को कहा ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके।
उन्होंने कहा कि अगरतला और अन्य अनुमंडलों में बाढ़ के कारण 10,000 से अधिक सदस्यों वाले कुल 2057 परिवारों ने 39 राहत शिविरों में शरण ली है। अगरतला में 1921 बाढ़ प्रभावित लोगों ने 34 राहत शिविरों में शरण ली है। पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरानिया में तीन शिविर स्थापित किए गए हैं। करीब आठ घंटे से बारिश नहीं होने से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हावड़ा नदी का जल स्तर शाम चार बजे कम हो गया। उन्होंने कहा कि रविवार को स्थिति में और सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है।