नई दिल्ली । राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा है कि यह चुनाव आईडेंटिटी का नहीं, आईडियोलॉजी की है। भाजपा के खिलाफ जितने दल हैं, सभी दलों का उन्हें समर्थन है। भाजपा और विपक्षी दलों के अलावा कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं, जो दोनों के बीच में हैं। ऐसे दलों को भाजपा अपनी ओर खींचना चाहेगी, हम चाहेंगे कि हमें उनका समर्थन मिले। बीजद और कई क्षेत्रीय दल इसी श्रेणी में आते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने  कहा कि वह 27 जून को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उसके पहले वह रांची आ सकते हैं और झामुमो, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं से मिलकर सबका समर्थन मांगेंगे। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपनी ओर से शुभकामनाएं देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि आदिवासी आईडेंटिटी को लेकर झामुमो के अंदर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि झामुमो को इस चुनाव में मेरे साथ होना चाहिए। क्योंकि यहां आईडेंटिटी का सवाल नहीं है, यह आईडियोलॉजी का सवाल है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग भी शामिल थे। उन्होंने मेरी उम्मीदवारी का समर्थन किया था। यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत की राजनीति में एक तरफ भाजपा है और दूसरी तरफ यूपीए के समर्थित राजनीतिक दल। इनके बीच कई दल ऐसे हैं जो दोनों ओर नहीं हैं। ऐसे दलों को मेरे पक्ष में लाने के लिए सभी दलों से बात करूंगा। जब उनसे पूछा गया कि कई नेता आपसे एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में समर्थन देते हुए चुनाव न लड़ने का सुझाव दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह भाजपा के बाबूलाल मरांडी कह रहे हैं। लेकिन मैं किसी के समर्थन में वापस नहीं हो रहा हूं और विपक्ष के समर्थन से चुनाव में खड़ा हूं।