शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए आहार का संतुलित होना सबसे आवश्यक माना जाता है। संतुलित आहार का मतलब, तरह-तरह की सब्जियां, फल, साबुत अनाज औऱ अन्य पौष्टिक चीजों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रोजाना फल का सेवन करना सभी लोगों के लिए बहुत आवश्यक होता है। फल खाने से आहार में विविधता आती है, साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के लिए विटामिन्स, प्रोटीन और अन्य आवश्यक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं। आहार विशेषज्ञ कहते हैं, बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में तीन बार अलग-अलग तरह की सब्जियां खानी चाहिए, वैसे ही फलों को भी अपने आहार में शामिल बहुत जरूरी है। दो तरह के फलों का रोजाना सेवन करना बहुत बेहतर माना जाता है। ज्यादातर फलों के सेवन से शरीर को हाइड्रेटेड रखने, वजन को कम करने और पोषक तत्वों की आसानी से पूर्ति की जा सकती है। वैसे यहां ध्यान रखना आवश्यक है कि फलों का सेवन सही समय और सही मात्रा में किया जाए। 
आयुर्वेद के अनुसार किसी भी अन्य भोजन की तुलना में फलों को ब्रेक डाउन तेजी से होता है। ऐसे में इसे  किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ खाने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण हो सकता है, जिसे सामान्य भाषा में आम के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों का एक साथ सेवन करने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
इस तरह की समस्याओं का हो सकता है खतरा- अन्य चीजों या भोजन के साथ फलों के सेवन की स्थिति में सबसे पहले भारी भोजन का पाचन होता है, जिसके कारण फलों को लंबे समय तक बिना पचे ही पेट में रहना पड़ सकता है। यह स्थिति अपच के साथ शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी समस्या खड़ी कर सकती है। इसके अलावा, दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों के साथ फल खाने से त्वचा से संबंधित समस्याएं जैसे मुंहासे, सोरायसिस और एक्जिमा का खतरा बढ़ जाता है।

फलों को खान का सही समय क्या है- आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट फल खाना सबसे फायदेमंद माना जाता है। इस समय आपका पेट फलों से अधिकतम पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकता है। इसके अलावा, साधारण कार्ब्स का सेवन सुबह और कसरत से पहले और बाद में करना सबसे अच्छा है। सूर्यास्त के बाद हल्की चीजों का सेवन करना सबसे अच्छा है।

शाम के समय नहीं खाने चाहिए फल- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शाम के समय फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम को फल खाने से नींद और पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार शाम 4 बजे से पहले या सूर्यास्त से पहले फल खाया जा सकता है। फलों में सिंपल कार्ब्स होते हैं जिसका अर्थ है कि उनका आसानी से ब्रेक डाउन होता है। इससे यह आपको तुरंत ऊर्जा प्रदान करने के साथ रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा सकते हैं। सोने के समय रक्त शर्करा में बढ़ोतरी आपकी नींद को बाधित कर सकती है। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद, हमारा मेटाबॉलिजम धीमा हो जाता है और पाचन तंत्र के लिए कार्ब्स को पचाना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि शाम को कार्ब्स का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है।