नई दिल्ली । भारत ने पाकिस्तान में सिखों की हत्या पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने  दो सिख व्यापारियों की पाकिस्तान में हुए टार्गेट किलिंग पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, "हमने पेशावर में अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा दो सिख व्यापारियों की नृशंस हत्या की रिपोर्ट देखी है। दुख की बात है कि यह है ऐसा पहला मामला या दुर्लभ घटना नहीं है।" भारत की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि "दुख की बात है कि यह पहली ऐसी घटना नहीं है"। ज्ञात रहे कि पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने रविवार को दो सिख व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार बाइक सवार दो लोगों द्वारा सुबह हमला किए जाने के बाद सलजीत सिंह (42) और रंजीत सिंह (38) की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि ये दोनों लोग मसालों का कारोबार करते थे और पेशावर से लगभग 17 किलोमीटर दूर सरबंद के बाटा ताल बाजार में उनकी दुकानें थीं। अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने  घटना को अंतर-धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश करार देते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाया जाएगा।पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं, ज्यादातर प्रांतीय राजधानी के निकट जोगन शाह में रहते हैं। पेशावर में सिख समुदाय के अधिकतर सदस्य व्यवसाय से जुड़े हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में एक सिख 'हकीम' (यूनानी चिकित्सक) की पेशावर में उनके क्लिनिक के अंदर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2018 में सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की पेशावर में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। इसी तरह एक समाचार चैनल के पत्रकार रविंदर सिंह की 2020 में हत्या कर दी गई थी। वर्ष 2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की भी पेशावर में हत्या कर दी गई थी।