उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि भारत को आने वाले कुछ सालों में करीब एक लाख ड्रोन पायलटों  की जरूरत होगी। सिंधिया ने नीति आयोग के एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय फिलहाल देश में ड्रोन सेवाओं की मांग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 12वीं पास व्यक्ति को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए कालेज की डिग्री की जरूरत नहीं है। सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा, 'हम ड्रोन सेक्टर को तीन पहियों पर आगे बढ़ा रहे हैं। पहला पहिया है नीति, दूसरा प्रोत्साहन का माहौल तैयार करना और तीसरा है घरेलू मांग को बढ़ावा देना। आप देख रहे हैं कि हम कितनी तेजी से नीतियों पर अमल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव यानी पीएलआइ के जरिये ड्रोन सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।सिंधिया ने बताया कि आज 12वीं पास अभ्यर्थी को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा सकता है। किसी कालेज डिग्री की इसके लिए जरूरत नहीं है। केवल दो-तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद कोई अभ्यर्थी ड्रोन पायलट के रूप में काम शुरू कर सकता है और करीब तीस हजार रुपये महीने कमा सकता है।