छोटी बचत योजनाओं पर अगले महीने से ब्याज दरें 0.5 से 0.75 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। सरकार इस माह के अंत तक इस पर फैसला लेगी। इससे इन योजनाओं में ज्यादा निवेशक आ सकते हैं और ज्यादा ब्याज देने के लिए सरकार को अतिरिक्त उधारी लेने की कम जरूरत पड़ेगी।पिछले 2 वर्षों  से इस पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव नहीं हुआ है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इन योजनाओं की ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी प्रतिभूतियों की ब्याज दरें बढ़ गई हैं। आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग का कहना है कि सरकार जो उधारी बाजार से लेती है, वह 7 फीसदी से ज्यादा ब्याज पर होता है। ऐसे में छोटी बचत योजनाओं पर उसे ज्यादा ब्याज देना होगा। छोटी बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलता है जो 7.6 फीसदी है।