भोपाल ।    विधानसभा चुनाव-2008 में जिस लाड़ली लक्ष्मी योजना ने भाजपा की नैया पार लगाने में खूब मदद की थी वही योजना वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रत्येक जिले में एक आदर्श सड़क 'लाड़ली लक्ष्मी" के नाम से जानी जाएगी। इसके लिए सभी कलेक्टरों से सड़क का चयन कर प्रस्ताव मांगे गए हैं। ऐसा कर सरकार लाड़ली लक्ष्मियों और उनके अभिभावकों का ध्यान खींचना चाहती है। इन सड़कों के नाम की घोषणा आठ अक्टूबर को भोपाल के रवींद्र भवन में प्रस्तावित लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करने वाले थे पर मांडू में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण वर्ग के कारण सम्मेलन टल गया। यह अब 15 अक्टूबर के बाद आयोजित किया जा सकता है। बता दें, प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं। लाड़ली लक्ष्मी शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसे देश के दूसरे राज्यों ने भी लागू किया है। इससे न सिर्फ भविष्य के 43 लाख मतदाता (लाड़ली लक्ष्मी) जुड़े हैं। बल्कि उनके अभिभावक भी जुड़े हैं। इनको मिलाकर मतदाताओं की संख्या करीब सवा करोड़ हो जाती है। इसलिए सरकार विधानसभा चुनाव से पहले यह बड़ा दांव खेल रही है। सरकार का मानना है कि जिला मुख्यालय की एक सबसे सुंदर सड़क लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी और इसका 'लाड़ली लक्ष्मी" नाम लोगों को सरकार और योजना की याद दिलाएगा। इस सड़क के दोनों ओर आकर्षक सजावट भी की जाएगी। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि सड़कों को कैसे सजाया जाएगा। जिला मुख्यालय की एक सड़क के प्रति लोगों का रुझान देखने के बाद प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी ऐसी सड़कों का चयन किया जाएगा। चुनाव के मद्देनजर आदिवासी, महिला और लाड़ली लक्ष्मी सरकार की प्राथमिकता में हैं। इससे पहले सरकार चुनींदा लाड़ली लक्ष्मियों को बाघा सीमा की सैर करवा चुकी है। सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी प्रोत्साहन कानून में संशोधन करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली युवतियों को भी योजना में शामिल किया है। मई, 2022 में सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी-2 योजना का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से बेटियों को बुलाया गया था। इस सम्मेलन में कई बेटियों ने मुख्यमंत्री को चिट्टी भी लिखी और अपनी जिंदगी खुशहाल बनाने के लिए उनका धन्यवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने फोन पर इनमें से कुछ बेटियों से बात भी की थी। वहीं अब योजना-दो की पात्र बेटियों को राशि वितरित करने के लिए सम्मेलन बुलाया जा रहा था।